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PM Modi Speech: तीन बुराइयों के खिलाफ मिशन, तीन सुविधाओं की गारंटी; लाल किले से पीएम मोदी ने दिए ये 15 मंत्र

77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने आज 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने लाल किले से देश के सामने विकास का विजन रखा और उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की अपनी सरकार की योजना रखी। प्रधानमंत्री ने आज अपने भाषण की शुरुआत में मणिपुर का जिक्र किया।

By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 15 Aug 2023 03:25 PM (IST)
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लाल किले से पीएम मोदी ने दिए 15 मंत्र (फोटो जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 77वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) के अवसर पर पीएम मोदी (PM Modi) ने आज 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने लाल किले से देश के सामने विकास का विजन रखा और उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की अपनी सरकार की योजना रखी। उन्होंने 90 मिनट के अपने संबोधन में देशवासियों को 15 मंत्र भी दिए।

'शांति से समाधान'

प्रधानमंत्री ने आज अपने भाषण की शुरुआत में मणिपुर का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं, देश मणिपुर के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।

'कर्त्तव्य काल है अमृत काल'

पीएम मोदी ने कहा कि 75 साल का इतिहास देखिए, भारत के सामर्थ्‍य में कोई कमी नहीं थी और यह जो देश कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था वो देश क्यों न फिर से उस सामर्थ्‍य को ले करके खड़ा हो सकता है। मेरा अटूट विश्‍वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा मेरा देश विकसित भारत बनकर रहेगा। और यह मैं मेरे देश के सामर्थ्‍य के आधार पर कह रहा हूं। प्रधानमंत्री ने अमृत काल की तुलना कर्त्तव्य काल से की, जिसका अर्थ है 'कर्तव्य का समय'। उन्होंने कहा कि आज का निर्णय 1,000 सालों में फल देगा।

मिशन 2047

भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 2047 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश की आकांक्षाएं पूरी हो जाएं।

जनसांख्यिकी, लोकतंत्र, विविधता पर जोर

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत की जनसांख्यिकीय ताकत, अपने लोकतंत्र और विविधता के साथ अपनी विकास यात्रा को मजबूत करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन तीनों का मिलन देश के सपनों को पूरा कर सकता है।

'राष्ट्र प्रथम'

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र को पहले रखना उनकी सरकार के हर फैसले का आधार है। उन्होंने कहा कि केंद्र का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि करदाताओं के पैसे का एक-एक पैसा उनके कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाए।

बुराइयों के खिलाफ है मिशन

साथ ही प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष भी निशाने पर रहा। उन्होंने कहा कि देश का मिशन भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की बुराइयों को खत्म करना होना चाहिए।

तीन गारंटी पर पीएम का फोकस

पीएम मोदी का फोकस तीन गारंटी पर रहा। प्रधानमंत्री ने तीन गारंटी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि भारत शीर्ष तीन अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक है। घरों के निर्माण के लिए आसान ऋण और कम लागत पर दवाओं के लिए 25 हजार जन-औषधि केंद्र का लक्ष्‍य लेकर आने वाले दिनों में काम करने वाले हैं।

दो करोड़ लखपति दीदी

पीएम मोदी ने महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि अब महिलाओं को सशक्त बनाकर दो करोड़ लखपति दीदी बनाना उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठाएगी।

नीति और इरादे हैं साफ

प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की नीतियां स्पष्ट और इरादे साफ हैं। उन्होंने कहा कि सभी की भलाई सुनिश्चित करने की नीति ही हमें एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकती है।

पीएम मोदी ने दिया क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं पर भी जोर दिया। पीएम ने कहा कि केंद्र क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध निर्णयों का सक्रिय हिस्सा बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया।

'सहयोग से सहयोग की ओर'

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले से ही सहयोग के लिए एक मंत्रालय स्थापित किया है और इसका लक्ष्य सहयोग से सहयोग की ओर क्रमिक आंदोलन करने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाना है।

विश्वकर्मा योजना की घोषणा

पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना की घोषणा की। पीएम ने कहा कि केंद्र अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए कम से कम 13,000 करोड़ के आवंटन के साथ एक 'विश्वकर्मा योजना' शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना नाई, सुनार और धोबी जैसे कुशल श्रमिकों पर केंद्रित होगी।

एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत दुनिया का मित्र है जो केवल अपने बारे में नहीं सोचता। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की है।

'अगले साल फिर लौटूंगा'

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने उन्हें 2014 में मौका दिया, 2019 में भरोसा जताया और अगर लोगों का आशीर्वाद उनके साथ रहा तो वह अगले साल भी लाल किले पर लौटेंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे।

पीएम ने किया कविता का जिक्र

अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने एक कविता भी साझा की। उन्होंने देश के लिए अपनी सरकार की योजना को रेखांकित किया और इसे चुनौतियों को अपनाने और भारत को दुनिया भर में प्रमुख बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।