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'नई ऊंचाई पर पहुंचा रोजगार निर्माण, निचले स्तर पर बेरोजगारी' कौशल दीक्षांत समारोह में बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कौशल दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। मोदी ने कहा कि भारत कुशल मानव शक्ति का पावर सेंटर बनेगा वहीं देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की उनकी गारंटी है। पीएम ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। मोदी ने ये भी कहा कि हमारे यहां पहले की सरकारों में कौशल पर उतना ध्यान नहीं दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Thu, 12 Oct 2023 08:00 PM (IST)
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कौशल दीक्षा समारोह को संबोधित किया है
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सशक्त युवा शक्ति को देश के विकास का आधार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि पहले की सरकारों ने कौशल का महत्व नहीं समझा, जबकि वर्तमान सरकार ने इस पर सबसे अधिक निवेश किया। उसी का परिणाम है कि रोजगार निर्माण नई ऊंचाई पर पहुंचा है और बेरोजगारी पिछले छह वर्ष के सबसे निचले स्तर पर है। इसका मतलब है कि विकास का लाभ गांवों और शहरों तक बराबरी से पहुंच रहा है।

कौशल दीक्षांत समारोह में बोले पीएम मोदी

कौशल दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि भारत कुशल मानव शक्ति का पावर सेंटर बनेगा, वहीं देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की उनकी गारंटी है। कौशल विकास मंत्रालय द्वारा गुरुवार को नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एआइसीटीई सभागार में दूसरा कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इसमें शामिल हुए देशभर के कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया।

मोदी ने कहा कि युवा शक्ति जितनी सशक्त होती है, उतना ही देश का विकास होता है। उन्होंने कहा- 'जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे युवाओं के लिए नई संभावनाएं बनती जा रही हैं। अभी हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि भारत में रोजगार निर्माण एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है। भारत में बेरोजगारी दर अपने छह वर्ष के सबसे निचले स्तर पर है। भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में ही बेरोजगारी तेजी से कम हो रही है। इसका अर्थ ये कि विकास का लाभ गांव और शहर दोनों ही जगहों पर बराबर पहुंच रहा है। इससे ये भी पता चलता है कि गांव और शहर दोनों ही जगहों पर नए अवसर भी समान रूप से बढ़ रहे हैं।'

सर्वे में सामने आया है कि भारत के कार्य समूह में महिलाओं की भागीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। नारी सशक्तिकरण को लेकर भारत में बीते वर्षों में जो योजनाएं बनीं हैं, जो अभियान चलाए गए हैं, ये उनका प्रभाव है।

क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़े

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के इस दावे की गवाही राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के आंकड़े भी देते हैं। सर्वे के मुताबिक, बीते छह वर्षों में बेरोजगारी दर छह प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गई है। ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर 5.3 प्रतिशत थी, जो कि 2022-23 में 2.4 प्रतिशत दर्ज की गई है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में यह 7.7 प्रतिशत से घटकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है।

महिला-पुरुषों में वर्गीकरण करें तो पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत से घटकर 3.3 प्रतिशत पर आई है और महिलाओं में 5.6 प्रतिशत से नीचे गिरकर 2.9 प्रतिशत पर जा टिकी है।

पहले की सरकारों ने नहीं दिया कौशल पर ध्यान

पीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया मान रही है कि ये सदी भारत की सदी होने वाली है और इसके पीछे भी बहुत बड़ी वजह भारत की युवा आबादी ही है। पीएम ने युवाओं को विश्वास दिलाया, 'भारत सरकार हर जरूरत में आपके साथ है। हमारे यहां पहले की सरकारों में कौशल पर उतना ध्यान नहीं दिया गया था। हमारी सरकार ने कौशल का महत्व समझा और इसके लिए अलग से मंत्रालय बनाया, अलग से बजट दिया। भारत आज अपने युवाओं के कौशल पर जितना निवेश कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया।'

अंतरराष्ट्रीय संस्था आईएमएफ ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में भी सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हमें भारत को दुनिया में कुशल मानव शक्ति का भी सबसे बड़ा पावर सेंटर बनाना है।

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