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पीएम मोदी ने 22 जनवरी को रामकाज और 23 को गरीब काज किया, शाह बोले- कर्पूरी की सोच को प्रधानमंत्री ने विस्तार दिया

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विख्यात समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी वर्ष पर उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने के केंद्र सरकार के फैसले को गरीब काज बताया है। शाह ने कहा कि कर्पूरी सादगी सिद्धांत सरलता और संघर्ष से जननायक बने थे किंतु भारत रत्न बनने में बहुत समय लगा।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 24 Jan 2024 08:58 PM (IST)
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पीएम मोदी ने 22 जनवरी को रामकाज और 23 को गरीब काज किया- शाह (फोटो, एक्स)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विख्यात समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी वर्ष पर उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने के केंद्र सरकार के फैसले को गरीब काज बताया है।

दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अयोध्या में श्रीराम लला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा एवं कर्पूरी के सम्मान को सरकार के सत्कार्य से जोड़ा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी को रामलला विराजमान कर राम काज किया और दूसरे ही दिन 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर को वर्षों से प्रतीक्षित सम्मान देकर गरीब काज किया।

कर्पूरी सादगी, सिद्धांत, सरलता और संघर्ष से जननायक बने

उन्होंने कहा कि कर्पूरी सादगी, सिद्धांत, सरलता और संघर्ष से जननायक बने थे, किंतु भारत रत्न बनने में बहुत समय लगा। पूर्ववर्ती सरकारों पर कर्पूरी ठाकुर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि मांग तो लंबे समय से बहुत होती रही, किंतु किसी ने सोचा तक नहीं। यहां तक कि मांग करने वाले भी जब सत्ता में आए तो अपनी मांग भूल गए।

पहले परिवार के करीबी नेताओं का ही सम्मान होता था

शाह ने कहा कि कर्पूरी की तरह ही अभावों में पले-बढ़े गरीब चायवाले का बेटा जब प्रधानमंत्री बना तो जननायक को उचित सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ परिवार के करीबी नेताओं का ही सम्मान होता था, लेकिन मोदी सरकार ने परंपरा बदल दी। अब जननायकों को सम्मानित किया जाता है।

देश के 70 करोड़ गरीबों को सम्मानित किया

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के निर्णय को अमित शाह ने दलितों, गरीबों, आदिवासियों एवं हाशिए के लोगों के हित में काम करने वालों के लिए प्रेरणा बताया और कहा कि मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को सम्मानित कर देश के 70 करोड़ गरीबों को सम्मानित किया है। इससे सिद्धांतों की राजनीति और पिछड़े-वंचितों के बारे में सोचने वालों को संबल मिलेगा। यह नई राजनीति का सूत्रपात भी है।

— Amit Shah (@AmitShah) January 24, 2024

सच्ची आजादी तब होगी, जब सबके हाथ में रोटी होगी

अमित शाह ने कर्पूरी ठाकुर के संघर्षों का जिक्र करते हुए उन्हें गरीबों-वंचितों का सच्चा हमदर्द और मजबूत इरादों का नायक बताया और कहा कि कर्पूरी में लोहिया, अंबेडकर और गांधी के गुण थे। कर्पूरी कहा करते थे कि सच्ची आजादी तब होगी, जब सबके हाथ में रोटी होगी।

प्रधानमंत्री मोदी कर्पूरी के सच्चे उत्तराधिकारी- शाह

मोदी सरकार उनके सपने को साकार कर रही है। देश के 70 करोड़ गरीबों को सरकार मुफ्त राशन दे रही है। सही मायनों में कर्पूरी ठाकुर के विचारों को चरितार्थ कर रही है। पीएम ने संकल्प लिया है कि 2027 तक हर गरीब को पक्का घर मिल जाए। अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को संकेतों में कर्पूरी का सच्चा उत्तराधिकारी बताया।

कर्पूरी ने आरक्षण का दायरा बढ़ाया

इसके लिए उन्होंने तीन उदाहरण दिए। कहा कि मंडल कमीशन से भी दशक भर पहले कर्पूरी ने सभी वर्गों की चिंता करते हुए आरक्षण का दायरा बढ़ाया, जिसमें गरीब सवर्णों को शामिल किया। कर्पूरी के बाद मोदी सरकार ने ओबीसी का सम्मान करने, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ आर्थिक रूप से पिछड़े को भी आरक्षण दिया है।

पीएम मोदी ने केंद्र में ओबीसी से 27 मंत्री बनाए

कर्पूरी ठाकुर के विचारों को चरितार्थ करते हुए पीएम मोदी ने केंद्र की सरकार में ओबीसी समाज से 27 मंत्री बनाए हैं। स्वयं भी पिछड़े समाज से हैं। जननायक ने परीक्षाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म कर हिंदी को बढ़ावा दिया था। मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति में भी हिंदी समेत स्थानीय भाषाओं को महत्व दिया जा रहा है।

मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में

मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में होने लगी है। कर्पूरी की विरासत का दावा करने वाले दलों पर भी उन्होंने परोक्ष हमला किया और याद दिलाया कि कर्पूरी आपातकाल के प्रबल विरोधी थे। बैठक में कुछ दूसरे वक्ताओं ने कर्पूरी के गैर कांग्रेसवाद के प्रबल रुख का भी उल्लेख किया।

दुखिया के दुख को कर्पूरी के बाद मोदी ने ही समझा- हुकुमदेव

भाजपा के पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कर्पूरी ठाकुर के साथ अपने संबंधों एवं संघर्षों को अपने तरीके से याद किया। उन्होंने कहा कि कर्पूरी के बाद दुखिया के दुख को सबसे ज्यादा नरेन्द्र मोदी ने समझा, क्योंकि दोनों अति पिछड़ा समाज से हैं। अभी तक सिर्फ बड़े-बड़े लोगों को ही भारत रत्न मिलता रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने पिछड़ा के एक बेटे को भारत रत्न देकर उसे लोकतंत्र के देवलोक में बिठा दिया है।

कर्पूरी ने निर्धन-निर्बल की तरक्की के रास्ते में आने वाले ब्रेकर को तोड़कर पैसेंजर ट्रेन में आगे बढ़ाया तो मोदी ने उसे एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार दे दी और घर तक सुविधाएं पहुंचायी जा रही है। उन्होंने अपनी ओर से देश के वंचितों से अपील की कि 2024 में फिर से मोदी ही प्रधानमंत्री चाहिए।

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