PM Modi की फिर बढ़ी लोकप्रियता, 75 प्रतिशत हुई अप्रूवल रेटिंग; 2023 की तुलना में 10 फीसदी हुआ इजाफा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक नेताओं की लोकप्रियता सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं। इप्सोस इंडिया के कंट्री सर्विस लाइन लीडर पारिजात चक्रवर्ती ने सर्वे के नतीजों पर कहा कि पीएम मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से अच्छा खासा फायदा हुआ है। इससे उनकी रेटिंग अच्छी हो गई। इस बार उनकी अप्रूवल रेटिंग में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक नेताओं की लोकप्रियता सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं। उन्हें 75 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग मिली है। अप्रूवल रेटिंग सर्वे करने वाली एजेंसी इप्सोस इंडियाबस के अनुसार, पीएम मोदी ने फरवरी 2024 में 75 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग हासिल की है।
2023 में मिली थी इतनी रेटिंग
इससे पहले सितंबर 2023 में जारी आंकड़ों में पीएम मोदी को 65 प्रतिशत की रेटिंग मिली थी। इस बार उनकी अप्रूवल रेटिंग में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। दिसंबर 2022 से पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग में इजाफा हुआ है। दिसंबर 2022 में पीएम की रेटिंग 60 प्रतिशत थी। फरवरी 2023 को पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग 67 प्रतिशत हुई। सितंबर 2023 में उनकी रेटिंग में दो प्रतिशत की कमी आई और 65 प्रतिशत रेटिंग मिली। अब फरवरी 2024 में मोदी की रेटिंग फिर बढ़ गई है।
राम मंदिर के उद्घाटन से हुआ फायदा
इप्सोस इंडिया के कंट्री सर्विस लाइन लीडर पारिजात चक्रवर्ती ने सर्वे के नतीजों पर कहा कि पीएम मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से अच्छा खासा फायदा हुआ है। इससे उनकी रेटिंग अच्छी हो गई।
इन वजहों से भी अप्रूवल रेटिंग को मिला उछाल
इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात में मंदिर का निर्माण, अंतरिक्ष में पहल, भारत में जी20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना, प्रमुख वैश्विक देशों के साथ भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का समझौता समेत कई मुद्दों ने प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग को बेहतर बनाने में योगदान दिया।पीएम मोदी को कहां कितनी रेटिंग मिली
- क्षेत्र रेटिंग (प्रतिशत में)
- उत्तरी क्षेत्र- 92
- पूर्वी क्षेत्र- 84
- पश्चिमी क्षेत्र- 80
टियर 1, शहर- 84 टियर 3, शहर- 80
- 45 साल से अधिक आयु वर्ग- 79%
- 18-30 वर्ष आयु वर्ग- 75%
- 31-45 वर्ष आयु वर्ग- 71%
- महिला- 75%
- पुरुष- 74%
- प्रदूषण और पर्यावरण- 56%
- गरीबी उन्मूलन- 45%
- मुद्रास्फीति कम करने में- 44%
- बेरोजगारी दूर करनें में- 43%
- भ्रष्टाचार खत्म करने में- 42%