NMHC Project: पीएम मोदी ने की NMHC लोथल परियोजना की समीक्षा, विरासत को बचाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि तकनीक का जमाना काफी आगे बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि इतिहास की घटनाओं को हमें अगली पीढ़ी के लिए बचाना चाहिए।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 18 Oct 2022 06:51 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) परियोजना की समीक्षा की। पीएम मोदी ने विरासत को बचाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें इसे अगली पीढ़ी के लिए बचाना चाहिए, लेकिन पहले ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तकनीक का जमाना काफी आगे बढ़ चुका है। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं तकनीक के जरिए से दिल्ली से आपसे जुड़ा हूं लेकिन ऐसा लग रहा है कि मैं आपके पास मौजूद हूं। मैंने अभी ड्रोन के माध्यम से सभी कामों को देखा है और उसकी समीक्षा भी की है, मुझे लगता है सभी काम सुचारू रुप से चल रहे हैं।'
Bringing Lothal and India’s rich maritime history back to life… pic.twitter.com/2k8rycWWMD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 18, 2022
पीएम मोदी ने दिया विरासत को बचाने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने पंच प्राणों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने उस दौरान अपनी विरासत पर गर्व करने की बात कही थी। पीएम ने कहा कि हमारी समुद्री विरासत हमारे पूर्वजों की सौंपी गई ऐसी ही धरोहर है। इतिहास की ऐसी अनेक गाथाएं हैं, जिन्हें भुला दिया गया, जबकि उन्हें सुरक्षित रखने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के रास्ते खोजे जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इतिहास की उन घटनाओं से हम कितना कुछ सीख सकते थे। भारत की समुद्री विरासत भी ऐसा विषय है जिसके बारे में बहुत चर्चा की गई है।
भारत प्रमुख समुद्री व्यापार मार्गों का रहा हिस्सा-मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की समुद्री विरासत उन आवश्यक विषयों में से एक है, जिस पर व्यापक रूप से चर्चा नहीं की गई क्योंकि इसे नजरअंदाज कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद की बेड़ियों ने हमारे समुद्री कौशल को बाधित किया। हम धोलावीरा और लोथल की पहचान को पुनर्स्थापित करेंगे। पीएम ने कहा हमारे पास पुरातात्विक साक्ष्य हैं, जो साबित करते हैं कि हजारों साल पहले भी, भारत एक समुद्री शक्ति था और प्रमुख समुद्री व्यापार मार्गों का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि लोथल में बनाया जा रहा विरासत परिसर से आम लोगों भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगा।