पीएम मोदी बोले, देश की तरक्की के लिए राजनिष्ठा से ज्यादा जरूरी है राष्ट्रनिष्ठा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में बी आर अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के लिए आधारशिला रखी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जिसे यह मौका मिला है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में बी आर अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के लिए आधारशिला रखी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जिसे यह मौका मिला है।
हमें इस मेमोरियल के लिए 60 साल इंतजार करना पड़ा, शायद ये मेरे भाग्य में था कि मेरे कार्यकाल में इसका निर्माण हो। उन्होंने कहा कि बाबा साहब हमें 1956 में छोड़ गए, अाज 60 साल बाद स्मारक की शुरुअात हो रही है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के बाद की सरकारों के दिल में अंबेडकर नहीं थे ।
मार्टिन लूथर से की अंबेडकर की तुलना
उन्होंने कहा कि हम बाबा साहेब को दलितों का मसीहा बता कर अन्याय करते हैं। बाबा साहब को एेसा सीमित न करें। बाबा साहब अंबेडकर हर अमानवीय घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले महापुरुष थे। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया जिस तरह से मार्टिन लूथर को देखती है, हम बाबा साहब अम्बेडकर को उससे ज़रा भी कम नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के लेबर लॉ की आधारशिला अंबेडकर ने रखी थी। अंबेडकर को किसी ने नहीं कहा कि हमसे ज्यादा काम कराया जाता है, यह उनके दिल की आवाज थी जिसके बाद काम के घंटे 8 तय किए गए। हमारे लिए जरूरी है कि हम उन्हें उनकी पूर्णता में स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने जितना सोचा था, वो सारा आने वाली सरकारों को मानना पड़ा, लेकिन उसके लिए कई सरकारों को आना पड़ा। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को समझने के लिए समाज के प्रति संवेदना चाहिए अौर उस महापुरुष के लिए भक्ति चाहिए।
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अारक्षण के मुद्दे पर बोले मोदी
हमें कई बार सत्ता में आने का अवसर मिला और हमनें दलितों और शोषितों के आरक्षण पर कभी आंच नहीं आने दी है। उन्होंने कहा जिस बात से देश आगे बढ़े वही हमारी प्राथमिकता है। समाज को भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। भाजपा ने कभी भी आरक्षण पर आंच नहीं आने दी है, फिर भी लोग झूठ प्रचारित करते हैं। लोग भाजपा के सत्ता में आते ही झूठ प्रचारित करते हैं कि अब आरक्षण खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बाजपेयी जी की सरकार थी तब भी कहा गया था कि अारक्षण खत्म हो जाएगा, लेकिन दो बार सत्ता संभालने के बाद भी कुछ नही हुअा। उन्होंने कहा कि देश में दलितों , अादिवासियों अौर वंचित लोगों को अारक्षण के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। एेसे लोगों का अारक्षण कोई छीन नहीं सकता।
खुद को बताया अंबेडकर का भक्त
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब अंंबेडकर का भक्त सरकार में आया है तो उसका विरोध किया जा रहा है। अंबेडकर से भेदभाव हुआ, लेकिन जब उनके हाथ में शक्ति आई तो उन्होंने भेदभाव नहीं किया। 14 अप्रैल को हम आंबेडकर की जयंती पर जल शक्ति पर मुंबई में सम्मेलन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपसे कहता हूं कि अगर आपके घर बिजली आती है तो मोदी का धन्यवाद मत कहना है, अंबेडकर का अभिनंदन करना, जिनकी यह सोच थी।
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दलित रोजगार देने वाले बनें
बाबा साहब ने हमेशा सभी कार्य समाजनिष्ठा और राष्ट्रनिष्ठा से किए। उन्होंने कभी राजनिष्ठा से कोई कार्य नहीं किया। हम ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, जहाँ दलित रोजगार देने वाले बनें। करीब चार महीने पहले दलितों के चैंबर्स की बैठक में मैंने दलित उद्यमियों से मुलाकात की थी, उनकी कुछ मांगें थीं जो सभी बजट में पूरी की गई हैं।
विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम लोग वे हैं जिनको कुछ लोग पसंद ही नहीं करते, हमें देखना तक नहीं चाहते, उन्हें बुखार अा जाता है अौर बुखार में अादमी कुछ भी बोल देता है। मन का अापा भी खो देता है अौर इसलिए झूठ, अनाप-शनाप बातों को प्रचारित किया जाता है।
मोदी ने बताया की बाबा साहेब ने क्यों दिया था इस्तीफा
डॉ.अंबेडकर ने महिलाओं के हक के लिए तत्कालीन सरकार से इस्तीफा दे दिया था। हिंदू कोर्ट बिल बाबा आंबेडकर की अध्यक्षता में काम चल रहा था, उस दौरान शुरुअात में शासन के मुखिया इसमें साथ दे रहे थे, लेकिन हिंदू कोर्ट संसद में आने की नौबत आई और महिलाओं को उसमें अधिकार देने का विषय़ था। उसमें यह सिर्फ दलितों के लिए नहीं था, यह टाटा, बिड़ला परिवारों के लिए भी था, दलितों के लिए भी था। लेकिन उस समय की सरकार इस प्रगतिशील बातों की आवाज पर टिक नहीं पाई, तब बाबा साहब को लगा कि भारत की नारी को हक नहीं मिलता है तो उस सरकार का बाबा साहब हिस्सा नहीं बन सकते और इसलिए उन्होंने सरकार छोड़ दी थी।
समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अायोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत. डॉ. हर्षवर्धन अादि भी उपस्थित थे।
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