Guru Ravidas Jayanti 2022: पीएम मोदी ने करोल बाग के रविदास विश्राम धाम मंदिर में टेका माथा, 'शबद कीर्तन' में लिया भाग, देखें वीडियो
Guru Ravidas Jayanti 2022 पीएम नरेन्द्र मोदी बुधवार सुबह दिल्ली के करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर पहुंचे। पीएम ने कहा कि संत रविदास ने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
By Manish NegiEdited By: Updated: Wed, 16 Feb 2022 11:15 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। देशभर में आज रविदास जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर पहुंचे। मोदी ने मंदिर में पूजा अर्चना की और माथा टेका।पीएम मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त थी।
इससे पहले, पीएम मोदी ने मंगलवार कहा था कि संत रविदास ने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। पीएम ने ये भी कहा कि मेरी सरकार ने हर कदम और योजना में गुरु रविदास की भावना को आत्मसात किया है।
पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कुछ तस्वीरें और एक वीडियो पोस्ट किया है। मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'रविदास जयंती के पुण्य अवसर पर आज मैंने दिल्ली के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किए।सभी देशवासियों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं।'
रविदास जयंती के पुण्य अवसर पर आज मैंने दिल्ली के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किए।
सभी देशवासियों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं। pic.twitter.com/RbVj9wUB1k
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
पीएम मोदी ने संत रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्हें संत रविदास की मूर्ति भी भेंट की गई।
Very special moments at the Shri Guru Ravidas Vishram Dham Mandir in Delhi. pic.twitter.com/PM2k0LxpBg
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
पीएम ने विजिटर बुक में क्या लिखा?पीएम मोदी ने विजिटर बुक में लिखा, 'महान संत गुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर उनकी इस पावन स्थली पर शीश झुकाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज के इस विशेष दिन उनका आशीर्वाद प्राप्त कर कृतार्थ हुआ। जात-पात, छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाज से दूर करने के लिए समर्पित उनका जीवन हम सब के लिए प्रेरणादायी है।'पीएम ने आगे ये भी लिखा कि देश की उन्नति और देशवासियों के सद्भाव के लिए उनसे प्रार्थना करता हूं। उनके आदर्शों और शिक्षा से प्रेरणा लेकर निरंतर बढ़ता रहूं, यह संकल्प है।