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कल कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, अपने विचार को करेंगे साझा

कोविन (Co-WIN) प्लेटफार्म को भारत में तो सफलता मिली ही अब इसे दूसरे देशों के लिए भी उपलब्ध कराने की बात हो रही है। विश्व के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म Co-WIN की दुनियाभर में सराहना हो रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sun, 04 Jul 2021 10:50 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो ।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को आयोजित होने वाले कोविन वैश्विक सम्मेलन में अपने विचारों को साझा करेंगे। भारत इस सम्मेलन में अन्य देशों को उनके कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में कोविन प्लेटफार्म की पेशकश करेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने ट्वीट कर कहा, 'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविन वैश्विक सम्मेलन में अपने विचार साझा करेंगे, क्योंकि भारत कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए विश्व के सामने एक डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में कोविन को पेश करता है।'

वर्चुअल तरीके से आयोजित इस सम्मेलन का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उद्घाटन करेंगे। एनएचए के सीईओ डा. आरएस शर्मा ने हाल ही में कहा था कि कनाडा, मेक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और उगांडा समेत करीब 50 देशों ने अपने यहां कोविड-19 टीकाकरण चलाने के लिए कोविन जैसा डिजिटल प्लेटफार्म हासिल करने में रुचि दिखाई है। भारत भारत इन देशों के साथ मुफ्त में इस प्लेटफार्म के ओपन सोर्स साफ्टवेयर साझा करने के लिए तैयार है।

टीकाकरण अभियान के शुरूआत के साथ ही 16 जनवरी को कोविन के संचालन के बाद, इसने कई नीतिगत परिवर्तनों और विकासों के बीच तेजी से विस्तार किया है। इसके तीसरे संस्करण के लॉन्च के बाद मई की शुरुआत तक कोविन में 20 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए। 

Co-WIN की दुनियाभर में हो रही सराहना

बता दें कि कोविन (Co-WIN) प्लेटफार्म को भारत में तो सफलता मिली ही अब इसे दूसरे देशों के लिए भी उपलब्ध कराने की बात हो रही है। विश्व के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म Co-WIN की दुनियाभर में सराहना हो रही है। देश में इसी प्लेटफार्म के जरिए वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है और अब इसे दुनिया के अन्य देशों के साथ मुफ्त साझा किया जाएगा।

गौरतलब है कि 5 जुलाई को हो रहे इस ग्लोबल कॉन्क्लेव में दुनिया को बताया जाएगा कि यह सिस्टम कैसे काम करता है, इसे कैसे विकसित किया गया है। साथ ही हम इसका ओपन सोर्स वर्जन किसी भी देश के साथ शेयर करने के लिए तैयार किया जाएगा। कनाडा, मेक्सिको व अन्य देशों में कोविन के तकनीक की काफी मांग की जा रही है।