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इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने की आड़ में 1000 लोगों से ठगी, 3 राज्‍यों में फैले थे तार; 20 लोग गिरफ्तार

इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने की आड़ में 1000 से अधिक लोगों को ठगने के आरोप में तीन राज्यों से बीस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पैसे मिलने के बाद वे पीड़ितों को बताते थे कि वाहनों की डिलीवरी में देरी होगी और उन्हें बेवकूफ बनाते थे।

By Jagran NewsEdited By: TilakrajUpdated: Tue, 15 Nov 2022 08:10 AM (IST)
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एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का पता चला
नई दिल्‍ली, पीटीआई। पुलिस ने इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) बेचने की आड़ में 1,000 से अधिक लोगों को ठगने (Cyber Crime) के आरोप में तीन राज्यों से बीस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों में से 11 बिहार, चार तेलंगाना, तीन झारखंड और दो कर्नाटक से हैं। पीड़ितों को शुरू में पंजीकरण के लिए 499 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा जाता और बाद में उन्हें परिवहन और वाहन बीमा के लिए रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा गया था।

गैंग में ज्‍यादातर आपराधियों की उम्र 30 साल से कम

साइबर क्राइम की राह पर युवा काफी तेजी से आ रहे हैं। पुलिस ने बताया कि पैसे मिलने के बाद वे लोगों को बताते थे कि वाहनों की डिलीवरी में देरी होगी और उन्हें बेवकूफ बनाते रहते थे। आरोपितों की पहचान टीवी वेंकटचला (35), नागेश एसपी (31), सुशांत कुमार (22), राजेश कुमार (29), अमन कुमार (25), अनीश (26), बिट्टू (27), सन्नी (22), नवलेश कुमार (22), आदित्य (22), विवेक कुमार (25), मुरारी कुमार (38), अजय कुमार (19), अविनाश कुमार (22), प्रिंस कुमार गुप्ता (37), वदित्य चिन्ना (22), आनंद कुमार (21), कतरावथ शिव कुमार (22), कतरावथ रमेश (19) और जी श्रीनू (21) के रूप में हुई है। आपराधियों में ज्‍यादातर की उम्र 30 साल से कम है।

पुलिस ने ऐसे किया इलेक्ट्रिक स्कूटर घोटाले का भंडाफोड़

एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का पता चला, जिसने आरोप लगाया था कि उसे धोखाधड़ी से ​30,998 रुपये का ​​नुकसान हुआ। पुलिस ने संदिग्धों में से एक को बेंगलुरु में गिरफ्तार किया, उससे पूछताछ में पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने बताया कि आरोपितों के पास से सात लेपटॉप, 38 स्‍मार्टफोन, 25 साधारण फोन, दो हार्ड डिस्‍क, दो स्‍मार्टवॉच और 114 सिमकार्ड बरामद किए हैं।

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Digitalization का स्‍याह पक्ष

देश जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अपराधी भी इसका गलत फायदा उठाने के नए-नए तरीके तलाश रहे हैं। साइबर आपराधियों के निशाने पर ज्‍यादातर तकनीकी की कम समझने वाले लोग होते हैं, तो बेहद आसानी से ठगों के लालच में फंस जाते हैं। हालांकि, सरकार लगातार लोगों को साइबर ठगों से बचने के लिए जागरुक करती रहती है, लेकिन ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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