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असम में लोकसभा चुनाव के बाद होगा असली खेल! CM हिमंत सरमा का दावा- भाजपा के संपर्क में हैं...

शर्मा ने जोरहाट जिले के तिताबर में न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक इंटरव्यू के दौरान ‘जमीनी स्थिति की उचित जानकारी लिए बिना’ असम में जाति आधारित जनगणना और मणिपुर हिंसा जैसे विषयों को उठाने के लिए गांधी की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के और भी नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Mon, 08 Apr 2024 01:05 PM (IST)
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)
पीटीआई, तिताबर (असम)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और पार्टी के नेताओं को लेकर कई दावे किए। सीएम सरमा ने दावा किया कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के राज्य से गुजरने के बाद कांग्रेस नेताओं का ‘‘पलायन’’ शुरू हुआ।

सीएम सरमा ने जोरहाट जिले के तिताबर में न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक इंटरव्यू के दौरान ‘जमीनी स्थिति की उचित जानकारी लिए बिना’ असम में जाति आधारित जनगणना और मणिपुर हिंसा जैसे विषयों को उठाने के लिए गांधी की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के और भी नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।

'हमें न्याय यात्रा से बहुत मदद मिली'

जब सीएम पूछा गया कि क्या यात्रा का लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में कोई असर दिखेगा या नहीं। इसपर उन्होंने कहा, "भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान उन्होंने (गांधी ने) सड़कों पर (राजनीतिक) हाराकिरी (आत्मघाती कदम उठाना) की। कांग्रेस नेताओं सहित लोग बहुत नाराज हुए। इससे हमें बहुत मदद मिली।"

'राहुल किसी राज्य की संस्कृति को नहीं जानते' 

सीएम सरमा ने कहा, "राहुल किसी राज्य की संस्कृति को नहीं जानते हैं। वह अपने सहयोगियों के साथ अध्ययन या चर्चा नहीं करते हैं। वह आते हैं और लोगों को परेशान करते हैं। अगर हम किसी राज्य में जाते हैं, तो हमारे पास उचित ब्रीफिंग होगी जैसे कि सांस्कृतिक प्रतीक कौन हैं, कौन सी बातें कही जानी चाहिए या नहीं कही जानी चाहिए और उस राज्य की संवेदनशीलताएं क्या हैं।"

राहुल ने स्थानीय लोगों को अपमानित किया 

मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया कि वह किसी राज्य में जाने से पहले ब्रीफिंग और डीब्रीफिंग लेते हैं ताकि कुछ भी गलत न हो। सीएम सरमा ने कहा कि राहुल इस तरह की ब्रीफिंग के बिना आते हैं। और वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, जानबूझकर या अनजाने में स्थानीय लोगों को अपमानित करते हैं और इससे समस्या पैदा होती है। 

'जाति जनगणना की बात असम में प्रासंगिक नहीं'

सीएम ने कहा, असम एक जातिविहीन समाज है और लोग जातिवाद में विश्वास नहीं करते हैं। अगर अचानक कोई यहां आता है और जाति जनगणना के बारे में बात करता है, तो कोई भी इसे स्वीकार नहीं करेगा। जाति जनगणना बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्रासंगिक हो सकती है, लेकिन असम में नहीं।"

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