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अगले साल 2.50 लाख मेगावाट पार कर सकती है बिजली की मांग, क्षमता बढ़ाने की तैयारी में जुटें राज्य- आर के सिंह

जब देश के कई राज्यों में होने वाले चुनाव में मुफ्त बिजली देने को लेकर जम कर राजनीति हो रही है तब केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वह समय पर बिजली की दरें तय करने में कोई कोताही नहीं करें। बिजली मंत्री राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 08 Nov 2023 08:22 PM (IST)
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समय पर बिजली की दर तय करें राज्य- आर के सिंह (फोटो एक्स)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जब देश के कई राज्यों में होने वाले चुनाव में मुफ्त बिजली देने को लेकर जम कर राजनीति हो रही है तब केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वह समय पर बिजली की दरें तय करने में कोई कोताही नहीं करें। राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि समय पर बिजली शुल्क तय करने का मतलब यह है कि हर वर्ष मार्च में अगले वित्त वर्ष के लिए बिजली की दरें तय हो जाएं।

हालांकि, यह शुल्क ऐसी होनी चाहिए जिसे सभी वहन कर सकें। बिजली सब्सिडी को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य जो चाहें सब्सिडी दे सकते हैं, लेकिन इसका भुगतान उन्हें करना होगा। बिजली मंत्री की बात चुनावी राज्यों कितनी अमल में आएगी यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन यह सच है कि कई राज्यों में समय पर बिजली की दरें तय नहीं हो रही हैं।

बिजली की मांग 2.50 लाख मेगावाट तक पहुंच सकती है- सिंह

केंद्र सरकार और राज्यों के बीच बिजली सेक्टर की दिशा और दशा को लेकर आयोजित इस बैठक में देश में बिजली की मांग को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई है। बिजली मंत्रालय की तरफ से राज्यों को बताया गया है कि वर्ष 2024-25 में बिजली की मांग 2.50 लाख मेगावाट तक पहुंच सकती है और अब उन्हें इस मांग को देखते हुए ही भावी रणनीति तैयार करनी चाहिए।

— Ministry of Power (@MinOfPower) November 8, 2023

पहली बार बिजली की मांग 2.41 लाख मेगावाट पार

इस साल 1 सितंबर, 2023 को देश में पहली बार बिजली की मांग 2.41 लाख मेगावाट को पार कर गई है जो पिछले साल के सबसे उच्चतम स्तर से भी 23 फीसद ज्यादा है। आगे बिजली की मांग को देखते हुए राज्यों से अभी से कोयला का भंडारण बढ़ाने को कहा गया है। बिजली मंत्रालय यह भी मान रहा है कि इस अप्रत्याशित मांग को सिर्फ घरेलू कोयले से पूरा नहीं किया जा सकता इसलिए कोयले का आयात भी बढ़ाना होगा।

बिजली बनाने की क्षमता को बढ़ाने को लेकर काम करें- मंत्री

राज्यों से कहा गया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि मार्च, 2024 से पहले उनकी बिजली परियोजनाएं अपनी क्षमता का 85 फीसद उत्पादन करें। बिजली मंत्री ने राज्यों से कहा है कि वह पारंपरिक और अपारंरपिक ऊर्जा स्त्रोतों (सौर, पवन, बायोगैस आदि) से बिजली बनाने की क्षमता को बढ़ाने को लेकर तेजी से काम करें।

बिजली स्टोरेज पर खास तौर पर ध्यान देने को कहा गया

राज्यों को यह भी कहा गया है कि वो बिजली सेक्टर में हो रहे बदलाव को देखते हुए अपने स्तर पर एक समिति का गठन करें। समिति के सुझावों के आधार पर पारंपरिक बिजली सेक्टर से अपारंपरिक बिजली सेक्टर में जाने का रोडमैप तैयार किया जा सकता है। राज्यों को बिजली स्टोरेज पर खास तौर पर ध्यान देने को कहा गया है।

कृषि सेक्टर की अधिकांश मांग को सौर ऊर्जा से पूरा करने को भी कहा गया है ताकि ताप बिजली घरों की बिजली को पीक आवर के लिए बचा कर रखा जा सके। बिजली मंत्री आर के ¨सह ने कहा कि, अभी जो भारत है वह बिजली की कटौती को सहन नहीं कर सकता है।

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