Prajwal Revanna यौन उत्पीड़न की पीड़िता गायब, बेटा पहुंचा पुलिस थाने; मां की किडनैपिंग का कराया मामला दर्ज
कर्नाटक के विशेष जांच दल (SIT) ने शुक्रवार को जेडीएस से निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू किया। दरअसल यह तलाशी अभियान उस पीड़िता के बेटे की शिकायत के बाद किया गया है जिसके साथ प्रज्वल ने वायरल वीडियो में यौन उत्पीड़न किया था। पीड़ित बेटे ने आरोप लगाया है कि उसकी मां का अपहरण कर लिया गया है।
जेएनएन, नई दिल्ली। कर्नाटक के विशेष जांच दल (SIT) ने शुक्रवार को जेडीएस से निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू किया। दरअसल, यह तलाशी अभियान उस पीड़िता के बेटे की शिकायत के बाद किया गया है, जिसके साथ प्रज्वल ने वायरल वीडियो में यौन उत्पीड़न किया था।
पीड़ित बेटे ने आरोप लगाया है कि उसकी मां का अपहरण कर लिया गया है। लापता महिला के 20 साल के बेटे ने गुरुवार रात मैसूरु जिले के केआर नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई। एफआईआर में कहा गया है कि उसकी मां को प्रज्वल रेवन्ना परिवार का एक परिचित शख्स बहला-फुसलाकर ले गया है।
अपहरणकर्ता की पहचान सतीश बबन्ना के तौर पर हुई
अपहरणकर्ता की पहचान सतीश बबन्ना के तौर पर हुई है। आरोप लगाया गया है कि प्रज्वल के पिता और जेडीएस विधायक एचडी रेवन्ना के कहने पर महिला को प्रज्वल के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए ऐसा कर किया है।एचडी रेवन्ना के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज
शिकायत के आधार पर एचडी रेवन्ना के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया गया है। शिकायत के मुताबिक, अपहरणकर्ता बबन्ना ने शुरू में एचडी रेवन्ना की पत्नी भवानी रेवन्ना के समन के बहाने महिला को अपने साथ जाने के लिए मना लिया।
हमारे घर आएं तो पुलिस को कुछ न बताएं
बेटे ने कहा, वोटिंग के दिन सुबह-सुबह बबन्ना ने मेरी मां को हमारे घर छोड़ा। उसने मेरे माता-पिता से कहा कि अगर वे हमारे घर आएं तो पुलिस को कुछ भी न बताएं। इसके साथ ही हमें धमकी दी कि हमारे खिलाफ केस दर्ज कर लिया जाएगा। उसने कहा कि अगर पुलिस आए तो हमें सचेत करने के रहना होगा।कानूनी खतरों का हवाला दिया
बेटे ने कहा कहा, "29 अप्रैल को बबन्ना वापस लौटा और उसने हमें कानूनी खतरों का हवाला देकर मां को जबरन अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया। शिकायतकर्ता बेटे ने अरोपों में कहा है कि उसकी मां ने होलेनारसीपुर में एचडी रेवन्ना के घर और उनके खेत में छह साल तक घरेलू सहायिका के तौर पर काम किया। मां ने तीन साल पहले नौकरी छोड़ दी और अपने गांव लौट आई। मां अब दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती है।"