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Republic Day: राष्ट्रपति भवन में मैक्रों का भव्य स्वागत, द्रौपदी मुर्मु ने भारत और फ्रांस में समानता की बताई वजह

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। भारत यात्रा पर आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत और फ्रांस के संबंधों पर प्रकाश डाला।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 26 Jan 2024 10:09 PM (IST)
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राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मु व इमैनुएल मैक्रों। (फोटो- राष्ट्रपति भवन एक्स हैंडल)
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। भारत यात्रा पर आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

भारतीय छात्रों में फ्रांसीसी भाषा बहुत लोकप्रियः मुर्मु

इस दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि खानपान के मामले में भी हम अपनी-अपनी विशेषताओं से एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। जिस तरह फ्रांस में प्राचीन भारतीय भाषा और वैदिक अध्ययन के दिग्गज विद्वान हैं, उसी तरह भारतीय छात्रों में फ्रांसीसी भाषा बहुत लोकप्रिय है। सिनेमा की तरफ देखें तो वहां भी भारत और फ्रांस जुड़े हुए हैं।

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आज हम दुनिया के सामने एक साथ खड़े हैंः राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज हम दुनिया के सामने एक साथ खड़े हैं। दो महान गणतंत्र, जिनका मानव प्रगति में विशिष्ट योगदान है, जो विचारों में स्वतंत्र, नीतियों में जिम्मेदार और दुनिया की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी मित्रता की सहजता और हमारी साझेदारी की ताकत हमारे भविष्य की यात्रा को उज्जवल करेगी। 

आज के दिन ही लागू हुआ था संविधान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत और फ्रांस के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ये कई मायनों में एक ऐतिहासिक और यादगार क्षण है। शायद ही ऐसा कभी हुआ होगा कि दो देशों के नेता लगातार एक-दूसरे के देशों के राष्ट्र समारोह में मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के दो साल बाद दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान लागू किया था।