राष्ट्रपति भवन के 'दरबार' और 'अशोक हॉल' का नाम बदला गया; प्रियंका गांधी ने कहा, 'ये शहंशाह का कॉन्सेप्ट'
President Droupadi Murmu राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदलने का आदेश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार हॉल का नाम बदलकर गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप रखा है। राष्ट्रपति भवन ने दोनों हॉल के नाम बदलने को लेकर एक बयान जारी किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदल दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने 'दरबार हॉल' का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' रखा है। राष्ट्रपति भवन ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है।
राष्ट्रपति भवन के दोनों हॉल के नाम बदले जाने पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र की एनडीए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दरबार की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' की अवधारणा है। कांग्रेस महासचिव ने इसके बहाने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साथा है।
#WATCH | Two of the important halls of Rashtrapati Bhavan – namely, ‘Durbar Hall’ and ‘Ashok Hall’ – renamed as ‘Ganatantra Mandap’ and ‘Ashok Mandap’ respectively
— ANI (@ANI) July 25, 2024
Congress leader Priyanka Gandhi Vadra says, "There is no concept of 'Durbar' but that of 'Shehenshah." pic.twitter.com/kWPNnqtab9
भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को बनाना है मकसद
राष्ट्रपति भवन सचिवालय ने बयान में कहा है कि नाम बदलने का मकसद राष्ट्रपति भवन के माहौल को 'भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार का प्रतिबिम्ब' बनाना है।राष्ट्रपति भवन राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की अमूल्य विरासत
बयान में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास, राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की अमूल्य विरासत है। इसे लोगों के लिए ज्यादा सुलभ बनाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया गया है।
दरबार शब्द का अर्थ अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से
बता दें कि दरबार हॉल में राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का आयोजन होता है। दरबार शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद से दरबार शब्द की प्रासंगिकता खत्म हो गई है। गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए इसका गणतंत्र मंडप उपयुक्त नाम है।अशोक मंडप से अंग्रेजीकरण के निशान मिटेंगे
वहीं, अशोक शब्द का मतलब वह व्यक्ति है जो सभी दुखों से मुक्त या किसी भी दुःख से रहित हो। साथ ही 'अशोक' सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह शीर्ष है। बयान में कहा गया है कि अशोक हॉल का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आएगी और अंग्रेजीकरण के निशान मिटेंगे।
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