Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पाकिस्तान से टॉस जीतकर भारत को मिली थी बग्गी, अब 40 साल बाद राष्ट्रपति मुर्मु उसमें सवार होकर पहुंचीं कर्तव्य पथ

इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बग्गी की सवारी की। उन्होंने जिस बग्गी की सवारी की है उसका इस्तेमाल 40 साल पहले 1984 में बंद हो गया था। भारत ने इस बग्गी को पाकिस्तान से टॉस जीतकर हासिल किया था। तब से इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति करते थे लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से इसका उपयोग बंद हो गया था।

By Devshanker Chovdhary Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 26 Jan 2024 08:16 PM (IST)
Hero Image
गणतंत्र दिवस के मौके पर बग्गी में सवार भारत व फ्रांस के राष्ट्रपति। (फोटो- एएनआई)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में बेहद खास रहा। खास होने की सबसे बड़ी वजह ये रही कि 40 साल बाद किसी राष्ट्रपति ने कर्तव्य पथ पर बग्गी का उपयोग किया। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पारंपरिक 'घोड़ा-बग्गी' से कर्तव्य पथ पर पहुंचीं। उनके साथ मुख्य अतिथि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी बग्गी में सवार थे।

40 साल बाद बग्गी में सवार हुईं राष्ट्रपति

वर्ष 1950 में पहले गणतंत्र दिवस समारोह से ही इस बग्गी का इस्तेमाल होता रहा है। उस वक्त देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इसकी सवारी की थी। बग्गी की सवारी की परंपरा 1984 तक चलती रही, लेकिन इसके बाद इसका उपयोग बंद कर दिया गया।

क्यों बंद हो गई थी बग्गी की सवारी?

गणतंत्र दिवस समारोह में 1984 तक बग्गी का इस्तेमाल होता था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई और बग्गी की जगह हाई सिक्योरिटी वाली कार उपयोग में आ गई। यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया था।

यह भी पढ़ेंः Republic Day 2024: कर्तव्य पथ पर दिखी देश की असाधारण नारी शक्ति का प्रदर्शन, राष्ट्रपति मुर्मु और PM Modi ने भी की सराहना; देखें तस्वीर

टॉस जीतकर भारत को मिली थी बग्गी?

दरअसल, राष्ट्रपति ने जिस बग्गी की सवारी की है, उसकी कहानी काफी दिलचस्प है। जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ और बग्गी को बांटने की बारी आई, तो इसके लिए दोनों देशों के बीच टॉस किया गया और भारत ने टॉस जीता था, जिसके बाद ये बग्गी भारत को मिली थी।

क्या है इस बग्गी की खासियत?

ये बग्गी ब्रिटिश शासनकाल की है, जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई है। उस वक्त इसका उपयोग तत्कालीन वायसराय करते थे, लेकिन अब ये राष्ट्रपति के लिए उपयोग में है। इसे घोड़ों की मदद से खींची जाती है। ये बग्गी पारंपरिक होने के साथ-साथ काफी शानदार और आलीशान दिखती है।

प्रणब मुखर्जी और कोविंद ने की थी बग्गी की सवारी

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बग्गी की परंपरा जीवित रखा। उन्होंने 2014 में बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने बग्गी की सवारी की थी। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2017 में शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति भवन से संसद तक बग्गी की सवारी की थी।

यह भी पढ़ेंः Republic Day 2024: कर्तव्य पथ की परेड में संघर्ष प्रभावित मणिपुर की झांकी में क्या दिखाया गया? देखें वीडियो