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Budget 2024: इन्फ्रा विकास में दुनिया ने भारत का लोहा माना, राष्ट्रपति मुर्मु ने मोदी सरकार के दस साल को बताया रिकॉर्ड प्रगति

मोदी सरकार के कार्यकाल के दस वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर सबसे अधिक जोर रहा है और इसकी झलक बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण में भी दिखाई दी। उन्होंने डिजिटल और फिजिकल दोनों तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा भी दिया और यह घोषणा भी की कि आज पूरी दुनिया भारत की इस उपलब्धि को मान-समझ रही है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 31 Jan 2024 08:55 PM (IST)
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इन्फ्रा विकास में दुनिया ने भारत का लोहा माना- राष्ट्रपति मुर्मु (फाइल फोटो)

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। मोदी सरकार के कार्यकाल के दस वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर सबसे अधिक जोर रहा है और इसकी झलक बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण में भी दिखाई दी। उन्होंने डिजिटल और फिजिकल, दोनों तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा भी दिया और यह घोषणा भी की कि आज पूरी दुनिया भारत की इस उपलब्धि को मान-समझ रही है।

मुर्मू ने कहा कि विकसित देशों में भी भारत जैसा डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है और फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड निवेश हुआ है, जिसके कारण सड़क, रेल और हवाई सेवाओं का एक ऐसा बुनियादी ढांचा बन गया है जिसका सपना हर भारतीय देखता था। मोदी सरकार इन क्षेत्रों में हुए कार्यों का श्रेय लेती है और एक के बाद एक उसकी चुनावी सफलताओं का इसे एक बड़ा कारण भी माना जाता है।

डिजिटल इंडिया ने जीवन और बिजनेस को आसान बनाया

मुर्मु ने कहा कि मोदी सरकार का एक बड़ा सुधार डिजिटल भारत का निर्माण है। डिजिटल इंडिया ने भारत में जीवन और बिजनेस, दोनों आसान बना दिया है। गांवों में भी सामान्य खरीद बिक्री डिजिटल तरीके से होगी, यह लोगों की कल्पना से भी परे था।

कुल रियल टाइम डिजिटल लेन-देन का 46 प्रतिशत भारत में

राष्ट्रपति ने अपनी बातों के समर्थन में यह आंकड़ा भी रखा कि आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेन-देन का 46 प्रतिशत भारत में होता है। यह किस ऊंचाई तक पहुंच चुका है, इसका प्रमाण यह है कि पिछले महीने यूपीआई से रिकॉर्ड 1200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसके तहत 18 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। दुनिया के दूसरे देश भी आज यूपीआई से लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं।

डिजिटल इंडिया के कारण बैंकिंग आसान हुई

मुर्मु ने कहा कि डिजिटल इंडिया के कारण बैंकिंग आसान हुई और लोन देना भी सरल हुआ है। उन्होंने सरकार की इस कामयाबी को भी रेखांकित किया कि जनधन आधार मोबाइल यानी जेएएम की त्रिशक्ति से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिली है। इस जेएएम के कारण करीब 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर किए गए हैं, जबकि 34 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के जरिये ट्रांसफर हुए हैं। फर्जी लाभार्थियों के सिस्टम से बाहर होने के कारण करीब तीन लाख करोड़ रुपये गलत हाथों यानी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से बचे हैं।

NH की लंबाई 90 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख किलोमीटर

राष्ट्रपति ने भौतिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दस सालों में गांवों में पौने चार लाख किलोमीटर नई सड़क बनी है, नेशनल हाईवे की लंबाई 90 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख किलोमीटर हो गई और फोर लेन नेशनल हाईवे की लंबाई ढाई गुना बढ़ गई। भारत किस तरह आधुनिक दुनिया से कदमताल मिल रहा है, इसका उदाहरण है हाईस्पीड कारिडोर की लंबाई पांच हजार किलोमीटर से बढ़कर चार हजार किलोमीटर हो जाना।

25 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेलवे ट्रैक बिछाए गए

मुर्मू ने इस दौरान रेलवे के कायाकल्प का भी जिक्र किया और कहा कि पिछले दस सालों में 25 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं, जो कई विकसित देशों के कुल रेलवे ट्रैक से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं, भारत रेलवे के शत प्रतिशत विद्युतीकरण के बहुत निकट है। देश में पहली बार सेमी हाई स्पीड ट्रेन शुरू हुई है। आज 39 से ज्यादा रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।

1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। मुर्मु ने कहा कि दस सालों में एयरपोर्टों की संख्या 74 से बढ़कर 149 हो चुकी है। देश के बड़े बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी दोगुनी हो गई। ब्राडबैंड इस्तेमाल करने वालों की संख्या 14 गुना बढ़ गई।

इस तरह बढ़ा इन्फ्रा का ढांचा

दो लाख ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े-चार लाख से अधिक काम सर्विस सेंटर खुले हैं, दस हजार किलोमीटर गैस पाइपलाइन भी बिछाई गई-वन नेशन, वन पावर ग्रिड से बिजली की व्यवस्था सुधरी-पांच शहरों तक सीमित मेट्रो अब 20 शहरों में मौजूद है।

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