गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश, कहा- हम सितारों तक पहुंचकर भी अपने पांव जमीन पर रखते हैं
राष्ट्रपति के रूप में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य राष्ट्र निर्माताओं ने जिन उम्मीदों के साथ राष्ट्र की रूपरेखा बनाई थी उसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 25 Jan 2023 09:08 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गरीबी के दौर से बाहर निकलकर भारत विश्व में आज आत्मविश्वास से भरे देश के रूप में अपना स्थान बना चुका है और वैश्विक व्यवस्था में उसने सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस भरोसे के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य राष्ट्र निर्माताओं ने जिन उम्मीदों के साथ राष्ट्र की रूपरेखा बनाई थी, उसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का देश के नाम संबोधन
राष्ट्रपति के रूप में गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर अपने पहले संबोधन में मुर्मु ने कहा कि महात्मा गांधी ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान करने का जो आदर्श हमें दिया था, उसे पूरी तरह साकार करना अभी बाकी है, लेकिन हमने हर क्षेत्र में असाधारण प्रगति हासिल की है। कोरोना की महामारी के काल में भी हमने किसी भी गरीब को खाली पेट सोने नहीं दिया।
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति ने जताई खुशी
राष्ट्रपति के अनुसार, आर्थिक प्रगति सबसे उल्लेखनीय रही है। पिछले दिनों भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। यह उपलब्धि कठिन समय में प्राप्त की गई है। महामारी का आर्थिक विकास पर असर पड़ा है। आर्थिकी के अधिकांश क्षेत्र महामारी के क्षेत्र से बाहर आ गए हैं। राष्ट्रपति ने कई तरह की प्रोत्साहन योजनाओं का हवाला देते हुए कहा महामारी का मुकाबला सरकार के सक्रिय प्रयासों से हुआ।मुफ्त राशन योजना का राष्ट्रपति ने किया जिक्र
राष्ट्रपति ने 81 करोड़ गरीबों के लिए चलाई जा रही मुफ्त राशन योजना का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए कहा कि यह संतोष का विषय है कि जो लोग हाशिये पर रह गए थे, उनका भी योजनाओं और कार्यक्रमों में समावेश किया गया है। 2023 में भी यह योजना लागू रहेगी। इस ऐतिहासिक कदम से सरकार ने कमजोर वर्गों को आर्थिक विकास में शामिल करने के साथ उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी ली है।
राष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति को बताया महत्वपूर्ण
राष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति बड़ा कदम है। यह 21वीं सदी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नई पीढ़ी को तैयार करने का काम करेगी। राष्ट्रपति ने तकनीक, खासकर डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में हुई प्रगति को भी खास तौर पर रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज दूरदराज के क्षेत्र इंटरनेट का लाभ उठा रहे हैं और उनके जीवन में इससे बहुत फर्क पड़ा है।राष्ट्रपति ने देश की उपलब्धियों की ओर दिलाया ध्यान
राष्ट्रपति ने देश की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति पर हम गर्व कर सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में भारत अग्रणी देशों में है। निजी क्षेत्र को भी इसमें शामिल करने के लिए पहल की गई है। हम सितारों तक पहुंचकर भी अपने पांव जमीन पर रखते हैं। भारत का मंगल मिशन महिलाओं द्वारा संचालित किया गया। अन्य क्षेत्रों में भी बेटियां आगे निकल रही हैं। महिला सशक्तीकरण अब केवल नारा नहीं है।
राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदाय के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज पर्यावरण संरक्षण से लेकर समाज को एकजुट बनाने तक देश को कई सीख दे सकता है। उन्होंने विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन की चुनौती का भी उल्लेख किया। कहा कि, गांधीजी ने इसकी चुनौती के प्रति आगाह किया था। विकास आवश्यक है, पर पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा।यह भी पढ़ें: Fact Check: धीरेंद्र शास्त्री को Z+ सिक्योरिटी दिए जाने का बीबीसी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है
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