'हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी...' महिला आरक्षण बिल के समर्थन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
आज देश के नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल को लेकर बहस चल रही है। सरकार द्वारा मंगलवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए विधेयक पेश किया गया। इसके एक दिन बाद बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस बिल को लेकर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 20 Sep 2023 01:09 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। Women's Reservation Bill: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिल्ली में एशिया प्रशांत फोरम की 28वीं वार्षिक आम बैठक और द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक पर राष्ट्रपति मुर्मु ने भी बयान दिया। उन्होंने इसका पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि लैंगिक न्याय के लिए यह हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
33 फीसदी महिला आरक्षण पर क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु?
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हमने स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया है। राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव अब आकार ले रहा है, जो कि हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी। बता दें कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को नए संसद भवन में पेश किया जाने वाला पहला बिल था। आज इस बिल को लेकर सदन में बहसा-बहसी चल रही है।
#WATCH | President Droupadi Murmu addresses the 28th Annual General Meeting and Biennial Conference of Asia Pacific Forum in Delhi.
— ANI (@ANI) September 20, 2023
"We ensured a minimum of 33% reservation for women in local bodies election. A proposal to provide similar reservation for women in the State… pic.twitter.com/a62qawJBBQ
20-21 सितंबर तक चलेगा एशिया प्रशांत फोरम की 28वीं वार्षिक बैठक
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जिस बैठक में शामिल हुई है, वह 20 से 21 सितंबर तक चलेगा। इसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा एशिया प्रशांत फोरम (APF) के सहयोग से 20-21 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है।इस अवसर पर ग्लोबल अलायंस ऑफ नेशनल ह्यूमन राइट्स इंस्टीट्यूशंस (GANHRI) की सचिव अमीना बौयाच और एपीएफ के अध्यक्ष डू-ह्वान सॉन्ग और एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे।
1,300 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, सदस्य देशों के साझा हित के मुद्दों पर चर्चा के लिए एपीएफ बुधवार को अपनी 28वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) भी आयोजित करेगा। एनएचआरसी ने पहले कहा था कि सम्मेलन में भारत और विदेश से 1,300 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।सम्मेलन में विभिन्न देशों के एनएचआरआई के प्रमुखों, सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों, राज्य मानवाधिकार आयोगों, विशेष प्रतिवेदकों, मॉनिटरों और मानवाधिकारों की सुरक्षा और प्रचार में शामिल विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि देश में भाग ले रहे हैं।
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