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President Murmu: शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं राष्ट्रपति मुर्मु, विद्यार्थियों से किया संवाद; जल संरक्षण-ग्लोबल वार्मिंग पर की बात

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस अवसर वह शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं और विद्यार्थियों से ग्लोबल वार्मिंग और इसे रोकने के तरीकों पर संवाद किया। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनकी अभिलाषा और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा तथा यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्यार्थी वैज्ञानिक और डाक्टर बनने को इच्छुक हैं।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 01:20 AM (IST)
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शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं राष्ट्रपति मुर्मु, विद्यार्थियों से किया संवाद

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस अवसर वह शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं और विद्यार्थियों से ग्लोबल वार्मिंग और इसे रोकने के तरीकों पर संवाद किया। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया और उन्हें अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सके।

कक्षा के 53 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा-' मैं पिछले कई दिनों से सोच रही थी कि आपसे बात करूं क्योंकि आजकल के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।' संवाद की शुरुआत में राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनकी अभिलाषा और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा तथा यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्यार्थी वैज्ञानिक और डाक्टर बनने को इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया में वैज्ञानिक, जनता, प्रशासक और शासक बहुत बड़ी समस्या पर संगोष्ठी, सम्मेलन और सभा कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं वह समस्या क्या है? इस पर तुरंत विद्यार्थियों ने जवाब दिया कि जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्कूल में पढ़ा था कि छह ऋतुएं होती हैं लेकिन हम केवल चार महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि इन चारों में से सबसे ज्यादा गर्मी का एहसास हमें ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होता है। दिन-ब-दिन तापमान बढ़ता जा रहा है और इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों, पक्षियों और पेड़ों पर भी पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से देश के कई हिस्से सूखे की मार झेल रहे हैं, इसलिए जल संरक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे यह भी जानते हैं कि पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और हमें और पेड़ लगाने चाहिए। हमें पानी की बर्बादी को रोकने और उसके संरक्षण के लिए कदम उठाना चाहिए। हमें वर्षाजल को जमा करना चाहिए।