टैगोर व नेताजी के पैतृक आवासों का राष्ट्रपति ने किया भ्रमण
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के साथ ठाकुरबाड़ी पहुंचकर राष्ट्रपति ने टैगोर भवन के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण किया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कोलकाता स्थित कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी तथा एल्गिन रोड स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक आवास नेताजी भवन का भ्रमण किया और वहां उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के साथ ठाकुरबाड़ी पहुंचकर राष्ट्रपति ने टैगोर भवन के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण किया। बाद में उन्होंने कहा कि यह अनुभव काफी भावुक रहा। इस अवसर पर रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के कुलपति सव्यसाची बसु रायचौधरी भी उनके साथ थे।
Went to Jorasanko in Kolkata to pay respects to Gurudev Rabindranath. Was honoured to visit the birthplace of composer of our National Anthem. He remains one of our country's foremost cultural icons #PresidentKovind pic.twitter.com/rPMKYHncai
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 29, 2017
बाद में नेताजी भवन पहुंचे कोविंद ने द्वितीय तल पर स्थित संग्रहालय का जायजा लिया और नेताजी के शयन कक्ष में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। यहां राष्ट्रपति व राज्यपाल का स्वागत पूर्व सांसद तथा नेताजी रिसर्च ब्यूरो की अध्यक्ष कृष्णा बोस ने किया। उन्होंने कोविंद को अपने सांसद पुत्र प्रोफेसर सुगत बोस द्वारा लिखित पुस्तकें उपहार में दीं।
Went to Netaji Bhawan in Kolkata to pay tributes to Netaji Subhas. Was moved by the aura of sacrifice and dedication to India. Netaji is cherished, remembered and missed to this day all over the country #PresidentKovind pic.twitter.com/oYOVrgntSe
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 29, 2017
राष्ट्रपति बुधवार को ही बेलूरमठ भी गए। अपनी पत्नी के साथ राष्ट्रपति ने पूरे मठ का परिभ्रमण किया। इस दौरान स्वामी विवेकानंद से जुड़ी चीजों को उन्होंने बहुत बारीकी से देखा। आगमन पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। मठ की ओर से उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
सूचना प्रौद्योगिकी के अवसरों का लाभ उठाए बंगाल : राष्ट्रपति
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बंगाल की धीमी शुरुआत पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डिजिटलीकरण के कारण पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने और प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों व उद्यमियों की अतीत की सफलता को दोहराने पर जोर दिया। बुधवार को कोलकाता स्थित बोस इंस्टीट्यूट के शताब्दी समारोह में उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी व संबंधित सक्षम सेवाओं में बंगाल की धीमी हिस्सेदारी रही है। अब राज्य के पास एक अन्य अवसर आया है।
बोस इंस्टीट्यूट की सराहना करते हुए कोविंद ने कहा कि इसने 100 वर्षों में राष्ट्र निर्माण की भावना को प्रेरित किया है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर ऐतिहासिक बोस इंस्टीट्यूट के संस्थापक व महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बोस को युग प्रवर्तक बताते हुए कहा कि वे विश्व के गौरवशाली वैज्ञानिक थे और आधुनिक बेतार संचार जैसी क्रांतिकारी तकनीक की नींव रखी थी।
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