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कारोबार के लिए भारत को बनाएंगे सबसे आसान देशः पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के निवेशकों से रविवार को वादा किया कि स्थिर कर व्यवस्था तथा भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत माहौल बनाकर भारत को कारोबार करने के हिसाब से 'सबसे आसान' देश बनाया जाएगा। देश में आर्थिक विकास तेज करने एवं रोजगार अवसर ब़़ढाने के लिए विनिर्माण क्षेत्र

By anand rajEdited By: Updated: Sun, 11 Jan 2015 07:08 PM (IST)
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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के निवेशकों से रविवार को वादा किया कि स्थिर कर व्यवस्था तथा भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत माहौल बनाकर भारत को कारोबार करने के हिसाब से 'सबसे आसान' देश बनाया जाएगा। देश में आर्थिक विकास तेज करने एवं रोजगार अवसर ब़़ढाने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा। अपने इसी अभियान को आगे ब़़ढाते हुए उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की मंजूरी के लिए केंद्र तथा राज्य दोनों स्तरों पर एकल खि़ड़की मंजूरी व्यवस्था स्थापित की जा रही है।

अब निराशा और अनिश्चितता दूर
सातवें वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के उद्घाटन मौके पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के गठन के बाद सात महीने के थो़ड़े समय में ही 'निराशा और अनिश्चितता' का वातावरण दूर हो गया है। उन्होंने कहा- 'पहले दिन से सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। मेरी सरकार भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत माहौल तैयार करने को लेकर प्रतिबद्घ है।'

भरोसेमंद नीतियों का भरोसा
उन्होंने कहा- 'भारत में कारोबार को आसान बनाना मुख्य चिंता है। यह हमारी भी चिंता है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम इन मुद्दों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। हम इसे पहले की तुलना में या दूसरे की तुलना में आसान नहीं बल्कि सबसे आसान बनाना चाहते हैं।' मोदी ने कहा- 'हम तेजी से आर्थिक सुधारों के चक्र को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी रचि इस बात में भी है कि नीतियां भरोसेमंद हों। हमारा स्पष्ट मानना है कि कर व्यवस्था भरोसेमंद हो। पिछले कुछ महीनों में इस दिशा में कई निर्णय किए हैं।' सरकार की तरफ से निवेशकों के हाथ थामने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा- 'अगर आप एक कदम चलते हैं, हम आपके लिए दो कदम चलेंगे।'

35 देशों के 829 प्रतिनिधि आए
तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोग्बे और मेसोडेनिया के प्रधानमंत्री निकोला ग्रुवस्की समेत 35 देशों के 829 प्रतिनिधियों के साथ ही देशी--विदेशी अन्य दिग्गज उद्योगपति और राजनयिक आए हैं। उनकी मौजूदगी में मोदी ने कहा कि भारत 'बदलाव के रास्ते' पर है।

क्या है वाइब्रेंट गुजरात
वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन द्विवाषिर्षक बिजनेस समिट है, जिसकी शुरआत खुद मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते साल 2003 में की थी।

सुनहरी भविष्यवाणियां
--मोदी ने बताया कि अप्रैल 2014 से शुरू मौजूदा वित्त वषर्ष की पहली दो तिमाही में विकास दर पिछले साल की तुलना में एक फीसद अधिक रही।
--आईएमएफ ने आगामी वर्षो में भारत के दूसरे सबसे तेज ब़़ढने वाली अर्थव्यवस्था बनने की भविष्यवाणी की है।
--ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को--ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट [ओईसीडी] के अनुसार दुनिया की ब़़डी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सिर्फ भारत ही इस साल अपनी विकास दर तेज बनाए रख सकेगा।


ये हैं निवेश के अवसर
मोदी ने निवेश को आकषिर्षत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों की जानकारी दी--
-- निर्माण क्षेत्र में एफडीआई को उदार बनाया गया है।
--रेलवे में 100 फीसद एफडीआई को मंजूरी दी गई है।
--रक्षा और बीमा क्षेत्रों के लिए एफडीआई की सीमा ब़़ढाकर 49 फीसद की गई है।
--केंद्र तथा राज्य स्तरों पर एकल खि़ड़की मंजूरी [सिंगल विंडो क्लीयरेंस] की दिशा में काम शुरू किया है।

इसलिए यहां करें निवेश
--भारत 3--डी [डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी तथा डिमांड] समेटे दुनिया का एकमात्र देश है।
--भारत में कम लागत पर निर्माण की प्रचुर क्षमता है।
--कम पैसों में उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन हैं।
--श्रम सुधारों का काम शुरू किया गया है ताकि उद्यमी रोजगार का ब़़डा बाजार बना सकें।
--भूमि अधिग्रहण सुगम बनाने के लिए अध्यादेश लाया गया है।

..और निवेशकों की घोषणाएं
*12--18 महीने में गुजरात में एक लाख करो़ड़ रुपए का निवेश करेंगे।
--मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख

*सीमेंट क्षेत्र में 20 हजार करो़ड़ रुपए का निवेश करेंगे।
-- कुमार मंगलम बि़ड़ला, आदित्य बि़ड़ला समूह के प्रमुख

*--राज्य में हीरे तराशने के काम में 30 हजार नौकरियों का सृजन करेंगे।
--सैम वाल्स, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज खनन कंपनी रियो टिंटो ग्रुप के सीईओ

..उम्मीदें अभी और भी हैं
इस कारोबारी सम्मेलन से गुजरात में रिकॉर्ड निवेश आने की उम्मीद है। राज्य सरकार को आशा है कि सम्मेलन के दौरान 20,000 से अधिक रचि--पत्रों अथवा सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे।

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