सस्ता होगा माल भाड़ा, पीएम मोदी ने जारी की राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति, बोले- बोझिल प्रक्रियाओं से मिलेगी मुक्ति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत की। केंद्र ने इस पर अमल करके लाजिस्टिक लागत को 13 फीसद से कम करके आठ प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 12:32 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति जारी की। इसका मकसद उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के साथ ही आने वाले वर्षों में माल ढुलाई की लागत को जीडीपी के मौजूदा 13-14 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत तक लाना और रोजगार पैदा करना है। माल भाड़ा कम होगा तो उसका सीधा असर सभी वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा और कीमतें कम होंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक भव्य कार्यक्रम में नीति को जारी करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य अंतिम लक्ष्य तक माल को तेजी से पहुंचाना है।
समय और पैसा बचेगा
पीएम मोदी ने कहा- इससे व्यवसायों का समय और पैसा बचेगा। नई नीति दो वर्षों से कोरोना महामारी से त्रस्त अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाएगी। परिवहन के विभन्न क्षेत्रों से जुड़े नियमों को सुव्यवस्थित करेगी और आपूर्ति क्षेत्र की बाधाओं को दूर करेगी। यह ईंधन लागत और माल ढुलाई की लागत को कम करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगी।
माल परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करेगी नई नीति
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई नीति माल परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करेगी। साथ ही बुनियादी ढांचे में सुधार की पीएम गतिशक्ति योजना के साथ मिलकर लाजिस्टिक क्षेत्र की कमियों का भी समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए हमें अपनी सहायक प्रणाली को मजबूत बनाना होगा। राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति सहायक प्रणाली को आधुनिक बनाने में मदद करेगी।
बोझिल प्रक्रियाओं से मिलेगी मुक्ति
नई नीति के यूनिफाइड लाजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (यूलिप) और ईज आफ लाजिस्टिक्स सर्विसेज (ई लाग्स) जैसे तत्व निर्यातकों और उद्योग को लाजिस्टिक दक्षता बढ़ाने में मदद करेंगे। यूलिप परिवहन क्षेत्र से संबंधित सभी डिजिटल सेवाओं को एक पोर्टल लाएगा, इससे निर्यातकों को लंबी और बोझिल प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी। ई-लाग्स पोर्टल के जरिये उद्योग अपनी परेशानियों को सीधे सरकारी एजेंसियों तक पहुंचा सकेंगे।
भारत उभरती लोकतांत्रिक महाशक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत एक लोकतंत्राकि महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। वे देश के असाधारण प्रतिभा पारिस्थितिकी तंत्र से प्रभावित हैं। विशेषज्ञ भारत के ²ढ़ संकल्प और प्रगति की सराहना कर रहे हैं। तकनीक से लाजिस्टिक क्षेत्र को कर रहे मजबूत : पीएम मोदी ने कहा कि सरकार तकनीक के उपयोग से लाजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत कर रही है। ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीमा शुल्क और ई-वे बिल का इलेक्ट्रानिक मोड से मूल्यांकन शुरू हो गया है। फास्टैग से लाजिस्टिक क्षेत्र में समय की बचत हो रही है।सागरमाला परियोजना से सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंदरगाहों और डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना से लाजिस्टिक कनेक्टिविटी और व्यवस्थागत बुनियादी ढांचे के विकास के कार्य में सुधार दिखने लगा है। बंदरगाहों पर कंटेनरों से लदे जहाज को खाली करने का समय पहले के 44 घंटे से घटकर 26 घंटे पर आ गया है।नीति पर तीन साल से काम कर रही थी सरकार
केंद्र सरकार इस नीति पर तीन साल से काम कर रही थी। वाणिज्य मंत्रालय ने परामर्श के लिए 2019 में मसौदा लाजिस्टिक नीति जारी की थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति लाने की घोषणा की थी। मसौदा नीति में अगले पांच साल में लाजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 10 प्रतिशत तक लाने की बात कहती है जो अभी 13-14 प्रतिशत है।नई नीति के प्रमुख तीन लक्ष्य
- देश में लाजिस्टिक लागत को 2030 तक वैश्विक मानक के बराबर कम करना
- लाजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक रैं¨कग में 2030 तक भारत को शीर्ष 20 देशों में लाना
- कुशल लाजिस्टिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए डाटा-संचालित निर्णय समर्थन तंत्र बनाना
व्यापक कार्य योजना
- नीति के कार्यान्वयन की निगरानी और समीक्षा के लिए पीएम गति शक्ति के तहत सचिवों के एक अधिकार प्राप्त समूह का गठन
- सामंजस्य और मानकीकरण, व्यापार और परिवहन सुविधा, डिजिटलीकरण और कौशल विकास नीति के मुख्य मापदंड
- एकीकृत डिजिटल लाजिस्टिक प्रणाली, राज्य की भागीदारी, मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण, निर्यात-आयात लाजिस्टक और लाजिस्टक पार्कों के निर्माण की सुविधा
- कार्य क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक कार्यबल का गठन करना