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Reservation: जितनी आबादी उतना आरक्षण, राज्यसभा में पिछड़ी जातियों के लिए निजी विधेयक पेश

आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की मांग उठी है। शुक्रवार को इस संबंध में एक निजी विधेयक भी राज्यसभा में पेश किया गया। हालांकि भारी हंगामे की वजह से इस पर चर्चा अधूरी रही। सदन को एक घंटे तक स्थगित कर दिया गया था। मगर शाम चार बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। सपा के राज्यसभा सांसद जावेद अली ने यह निजी विधेयक पेश किया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 07:28 PM (IST)
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सपा के राज्यसभा सांसद ने पेश किया निजी विधेयक। (फोटो- एएनआई)

भाषा, नई दिल्ली। पिछड़ी जातियों को आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग उठी है। शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद जावेद अली ने एक निजी विधेयक पेश किया। सपा सांसद का कहना है कि आबादी के मुताबिक आरक्षण मिलना चाहिए।

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जावेद अली ने कहा कि 26 जुलाई का दिन आरक्षण के इतिहास में महत्वपूर्ण है। इसी दिन छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने राज्य में पिछड़े वर्गों को आरक्षण प्रदान किया था। अली ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-16 में उन पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिनका सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व नहीं है।

जावेद अली ने सामने रखे आंकड़े

जावेद अली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसद तय की है। मगर कई राज्यों की मंशा इस सीमा से अधिक आरक्षण मुहैया कराने की है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुल 69 प्रतिशत आरक्षण है। केंद्र सरकार की ए, बी, सी और डी ग्रुप की नौकरियों में पिछड़े वर्गों के कर्मियों की संख्या 27 प्रतिशत से भी कम है।

सरकार ने नहीं चलाया कोई अभियान

सपा सांसद ने भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि पिछले 10 साल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी श्रेणियों में खाली पदों को भरने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया।

राज्यसभा में उठी जाति जनगणना की मांग

उधर, कांग्रेस सदस्य नीरज डांगी ने जाति आधारित जनगणना की मांग की। उन्होंने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया था। इसे बाद में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

सदन में हुआ जमकर हंगामा

भाजपा के कुछ सदस्यों ने डांगी की टिप्पणी पर विरोध जताया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद पीठासीन अध्यक्ष एस फान्गनॉन कोन्याक ने दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया था। शाम चार बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा।हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से शांत होने की अपील भी की।

माफी मांगे संजय सिंह: पीयूष गोयल

इसी दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह के एक ट्वीट का जिक्र किया। इसमें संजय सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि जावेद अली खान के निजी विधेयक पर भाजपा ने हंगामा किया और सदन को स्थगित करा दिया। गोयल ने कहा कि संजय सिंह ने अपने ट्वीट के माध्यम से आसन का अपमान किया है। उन्हें सदन से माफी मांगनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने भी संजय सिंह से अपना ट्वीट हटाने की मांग की।

संजय सिंह बोले- मैं डरने वाला नहीं हूं

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा हमेशा पिछड़ों, वंचितों और आदिवासियों के खिलाफ रही है। सत्ता पक्ष के सदस्य उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं लेकिन वह ऐसी बातों से नहीं डरने वाले हैं। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मुहैया कराने की मांग की। हालांकि जावेद अली के निजी विधेयक पर चर्चा अधूरी रही।

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