निजी डॉक्टर भी अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ा सकेंगे
चुनिंदा संस्थानों में लागू नहीं होगा यह नया नियम।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Tue, 31 Dec 2019 08:57 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। मेडिकल कॉलेजों में अध्यापकों की कमी दूर करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब निजी और विदेशी डॉक्टरों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। हालांकि यह नया नियम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों, चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पर लागू नहीं होगा।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) इस संबंध में अधिसूचना जारी कर चुका है। इसके मुताबिक, अध्यापकों की नियुक्ति अल्पकालिक आधार पर की जाएगी जिन्हें 'विजिटिंग फैकल्टी' कहा जाएगा। इस नियुक्ति के लिए निजी डॉक्टर के पास पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल करने के बाद विशेषज्ञता वाले विभाग में आठ साल का अनुभव अनिवार्य होगा। इसके अलावा 70 साल से अधिक उम्र के डॉक्टरों को 'विजिटिंग फैकल्टी' नियुक्त नहीं किया जा सकेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'विजिटिंग फैकल्टी की नियुक्ति एक समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति में निदेशक, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज के डीन, संबंधित विभाग का प्रमुख, किसी अन्य विभाग का प्रमुख और संबंधित विषय का किसी अन्य शहर के मेडिकल कॉलेज का विशेषज्ञ शामिल होगा। वह राष्ट्रीय महत्व के किसी संस्थान से हो सकता है।' उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती नियमों में निजी डॉक्टरों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने की अनुमति नहीं थी।