'क्या विपक्ष की आवाज दबाने के लिए होगा संविधान का विरोध', लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर भड़कीं प्रियंका गांधी
लोकसभा सत्र में चुने गए नए सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने ‘जय संविधान’ के नारे लगाए गए थे। इस बात पर स्पीकर ओम बिरला भड़क गए थे और उन्होंने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा को फटकार लगाई थी। अब इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया।
दरअसल चुने गए नए सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने ‘जय संविधान’ के नारे लगाए गए थे इनके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी शपथ के बाद ‘जय संविधान’ कहा, इस बात पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शशि थरूर का साथ दिया और सदन में खड़े होकर कहा कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन स्पीकर ओम बिरला भड़क गए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने उठाया सवाल
अब इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ओम बिरला पर हमला बोला है, उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाए और पूछा कि क्या संसद में 'जय संविधान' नहीं कहा जा सकता। एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'क्या भारतीय संसद में 'जय संविधान' का नारा नहीं लगाया जा सकता?क्या भारत की संसद में 'जय संविधान' नहीं बोला जा सकता? संसद में सत्ता पक्ष के लोगों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन विपक्षी सांसद के 'जय संविधान' बोलने पर आपत्ति जताई गई। चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नये रूप में सामने है जो हमारे संविधान…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 27, 2024
'हमारे संविधान को कमजोर करना चाहते'
सत्ता में बैठे लोगों को संसद में असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन जब एक विपक्षी सांसद ने 'जय संविधान' का नारा लगाया। चुनाव के दौरान उभरी संविधान विरोधी भावना ने अब एक नया रूप ले लिया है, जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है।'उन्होंने आगे लिखा, 'जिस संविधान की तरफ से संसद चलती है, जिस संविधान के द्वारा प्रत्येक सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान के द्वारा प्रत्येक नागरिक को जीवन और आजीविका की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?'