Who is Justice Chandrachud: 50वें CJI होंगे जस्टिस चंद्रचूड़, पिता रहे हैं सबसे लंबे समय तक देश के चीफ जस्टिस
New CJI DY Chandrachud Profile चीफ जस्टिस यूयू ललित के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के नए चीफ जस्टिस होंगे। वे इस पद पर दो सालों तक रहेंगे। चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में इस पद से रिटायर होंगे।
By Monika MinalEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 01:10 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। चीफ जस्टिस आफ इंडिया यूयू ललित (U U Lalit) ने केंद्र के समक्ष अगले चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की है। इनका पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। वे नवंबर 2022 में नए CJI के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल दो सालों का होगा। वे 10 नवंबर 2024 को चीफ जस्टिस आफ इंडिया के पद से रिटायर होंगे।
31 अक्टूबर, 2013 में वे इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। 13 मई 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा उन्हें पदोन्नति दी गई और सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के हाई कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस की। 1998 में बांबे हाईकोर्ट ने इन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था। 1998 से 2000 तक उन्होंने भारत के एडिशनल सालिसिटर जनरल के तौर पर अपनी सेवा दी।
देश के 16वें चीफ जस्टिस थे पिता वाईवी चंद्रचूड़
इनके बारे में रोचक बात यह है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाइवी चंद्रचूड़ (Justice Y V Chandrachud) सबसे अधिक समय तक CJI रहे हैं। 11 नवंबर 1959 में जन्मे डीवाई चंद्रचूड़ की मां शास्त्रीय संगीतकार थीं।- इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं जस्टिस चंद्रचूड़
- बांबे हाई कोर्ट में भी जज रहे हैं चंद्रचूड़
- उन्होंने इकोनामिक्स व मैथ्स में ग्रेजुएशन किया
- दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की
- हार्वर्ड ला स्कूल से कानून में मास्टर्स की डिग्री हासिल की
मार्च 2016 में बनाए गए थे सुप्रीम कोर्ट के जज
29 मार्च 2000 में वे बांबे हाई कोर्ट के जज बनाए गए थे। इसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। 13 मार्च 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने। संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीजों के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक अधिकार और श्रम और औद्योगिक कानून जैसे अहम मामलों में एक वकील के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई की।