Move to Jagran APP

Project Elephant: हाथियों के हमले से अब बचाएगा अर्ली अलर्ट सिस्टम, ऐसी काम करेगी सीड बाल तकनीक

प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत हाथियों के मूवमेंट वाले करीब 22 राज्यों में हमले से बचाव के लिए अभियान चलेगा। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पहले से ही ट्रायल चल रहा है। केरल और कर्नाटक में हाथियों के हमले से लगातार हो रही लोगों की मौत के बाद यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है। हाथियों के हमले से बचाने के लिए अर्ली अलर्ट सिस्टम और सीड बाल जैसी तकनीक यूज की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 06 Mar 2024 07:42 PM (IST)
Hero Image
हाथियों के हमले से अब बचाएगा अर्ली अलर्ट सिस्टम और सीड बाल जैसी तकनीक (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हाथियों और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष को थामने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत अब उनके मूवमेंट वाले करीब 22 राज्यों में एक बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी में है। जिसकी रूपरेखा लगभग तैयार हो गई है। जिसमें जंगल से सटे गांवों को अर्ली अलर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जो गांव के आसपास हाथियों की हलचल बढ़ने पर उन्हें सतर्क कर देंगे।

गावों में लगाए जाएंगे सायरन और सेंसर

इस दौरान प्रभावित गावों में सायरन और सेंसर लगाए जाएंगे, जो हाथियों के आने पर तेज आवाज करके सभी को सतर्क कर देंगे। इसके साथ ही हाथियों के मूवमेंट की जानकारी वन महकमे को भी सेंसर के जरिए तुरंत मिल जाएगी। इसके साथ ही वन महकमे के दूसरी बड़ी पहल हाथियों को लेकर लोगों में समझ विकसित करने की भी है। ताकि वह हाथियों पर हमलावर न हो बल्कि उन्हें संरक्षित करने में मदद करें।

ऐसी काम करेगी तकनीक

प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस पहल के तहत लोगों को बताया जाएगा कि हाथी बहुत ही शांतिप्रिय जानवर है। वह तब तक किसी पर भी हमला नहीं करता, जब तक कि उसे छेड़ा न जाए। वह जंगल से बाहर तभी निकलते है जब उन्हें जंगल में पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है। ऐसे में मंत्रालय ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बतौर चलाए जा रहे सीड बाल अभियान को देश भर में विस्तार देने की योजना बनाई है। जिसके तहत हाथियों के पंसदीदा भोजन जैसे बांस व दूसरे पौधों के बीज को मिट्टी का गोला बनाकर जंगल भर में फेंक दिए जाए। जो बारिश होने पर अपने-अपने ही उग आएंगे। इससे आने वाले दिनों में हाथियों को जंगल में ही पर्याप्त भोजन मिल जाएगा।

लोगों की मौत के बाद लिया गया फैसला

इस मुहिम में मंत्रालय ने ग्रामीणों की भी मदद लेने की तैयारी की है। क्योंकि वह किसी न किसी काम से जंगल में जाते रहते है, ऐसे में जब वह जंगल में जाए तो कुछ सीड बाल उन क्षेत्रों में डालते भी जाएं। हाल ही में केरल के वायनाड़ में हाथियों के हमले से कुछ लोगों की मौत के बाद सांत्वना देने पहुंचे राहुल गांधी ने इस मुद्दे की ओर केंद्र का ध्यान आकृष्ट कराया। जिसके बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपनी पूरी टीम के साथ ही वहां का दौरा किया। स्थानीय लोगों और वन अधिकारियों से चर्चा की।

प्रोजेक्टों को आगे बढ़ने की योजना

साथ ही सभी को यह भरोसा दिलाया था कि हाथियों से बचाव के लिए तकनीक सहित सभी उपाय किए जाएंगे। सूत्रों के माने को इसके बाद मंत्रालय इन दिशा में देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे प्रयोगों की जानकारी जुटाई। जिसमें ओडिशा व छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में ट्रायल के रूप में चल रहे इस प्रोजेक्टों को आगे बढ़ने की योजना बनाई है। हाथियों के हमले से वर्ष 2022-23 में छह सौ से अधिक लोगों की जान गई थी।

यह भी पढ़ें: केरल में जंगली हाथी के हमले से एक और महिला की मौत, इडुक्की सांसद के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन