प्रोजेक्ट टाइगर के 50 और प्रोजेक्ट एलीफेंट के 30 साल पूरे, इस वित्तीय वर्ष से दोनों के लिए कॉमन फंड होगा शुरू
एक अधिकारी ने बताया वर्तमान में राज्य प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत एक ही क्षेत्र के लिए अलग-अलग एपीओ भेजते हैं। ओवरलैपिंग की संभावनाएं हैं। अब केवल एक एपीओ होगा। दो योजनाओं के लिए प्रशासनिक सेटअप अलग-अलग मौजूद रहेगा।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 02 Apr 2023 06:07 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। भारत विश्व के प्रमुख जैव विविधता वाले देशों में से एक है, जहां पूरी दुनिया में पाए जाने वाले अनेकों वन्यजीवों की प्रजातियां निवास करती हैं। इन जीवों के संरक्षण के लिए भारत में कई सारे बायोस्फीयर रिजर्व बनाए गए हैं। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट
भारत इस साल प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल और प्रोजेक्ट एलीफेंट के 30 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। ऐसे में अधिकारियों ने कहा है कि सरकार ने भारत में दो प्रमुख पशु संरक्षण योजनाओं ''प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट'' के लिए धन का विलय कर दिया है। इसके अलावा, राज्यों को संचालन की एक सामान्य वार्षिक योजना भेजने के लिए कहा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट के लिए प्रशासनिक सेटअप पहले की तरह जारी रहेगा। केवल एक कॉमन हेड के तहत फंड उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले दो वार्षिक परिचालन योजना के मुकाबले दो योजनाओं के लिए केवल एक एपीओ होगा।
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एपीओ निर्णय प्रभावी एकीकरण और संसाधनों के कुशल उपयोग की अनुमति देगा, धन के वितरण की प्रक्रिया को सुचारू करेगा, समय बचाएगा और नकल को रोकेगा। उपरोक्त उद्धृत अधिकारियों में से एक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "दो योजनाओं के तहत कवर किया गया क्षेत्र का अस्सी प्रतिशत आम है। ओवरलैपिंग की समस्या बाघों और हाथियों की एक ही आवास में उपस्थिति के कारण होती है।"
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया, "वर्तमान में, राज्य प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत एक ही क्षेत्र के लिए अलग-अलग एपीओ भेजते हैं। ओवरलैपिंग की संभावनाएं हैं। अब, केवल एक एपीओ होगा। दो योजनाओं के लिए प्रशासनिक सेटअप अलग-अलग मौजूद रहेगा। केवल फंडिंग विलय कर दिया गया है। "
तीन केंद्र प्रायोजित योजनाओं का प्रस्ताव
आपको बता दें कि तत्कालीन योजना आयोग ने 2011 में तीन केंद्र प्रायोजित योजनाओं - प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट और डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटेट - के विलय का भी प्रस्ताव दिया था। प्रोजेक्ट एलिफेंट के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 7 अप्रैल को असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में दो दिवसीय "गज उत्सव" का उद्घाटन करेंगी।