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दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पढ़ाई जाएगी या नहीं? केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुलकर कह दी ये बात

दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में मनुस्मृति पढ़ाने के प्रस्ताव पर सियासी बवाल मच गया। हालांकि विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उधर कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार पर हमला बोला। शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पूरे मामले में अपनी बात रखी है और विश्वविद्यालय के कुलपति से बात भी की।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:44 PM (IST)
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति को पढ़ाने के प्रस्ताव ने सियासी हंगामा खड़ा कर दिया। शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि पाठ्यक्रम में मनुस्मृति को शामिल करने के प्रस्ताव को कुलपति ने खारिज कर दिया है। ऐसी किसी भी योजना का समर्थन नहीं किया गया है। मामले की जानकारी मिलने पर गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से बात की है।

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शामिल करने का कोई सवाल नहीं

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार संविधान की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी लिपि के किसी भी विवादास्पद हिस्से को शामिल करने का कोई सवाल ही नहीं है।

कल हमारे पास कुछ जानकारी आई कि 'मनुस्मृति' विधि संकाय पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि कुछ विधि संकाय सदस्यों ने न्यायशास्त्र अध्याय में कुछ बदलावों का प्रस्ताव दिया है। मगर जब यह प्रस्ताव दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के पास आया तो कल ही कुलपति ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के एलएलबी छात्रों को 'मनुस्मृति' पढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्र पर हमला बोला था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "सलामी रणनीति" का हिस्सा है ताकि आरएसएस द्वारा संविधान पर "हमला" करने के दशकों पुराने प्रयास को पूरा किया जा सके।

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