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केरल में IUML यूथ लीग मार्च के दौरान लगाए गए भड़काऊ नारे, 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने कहा कि भड़काऊ नारा धर्म जाति जन्म स्थान भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच विवाद को बढ़ावा देने और समाजिक सद्भाव को बिगाड़ने से संबंधित है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस बीच आइयूएमएल यूथ लीग के प्रदेश महासचिव पीके फिरोज ने कहा कि भड़काऊ नारा लगाने वाले कार्यकर्ता को संगठन से निष्कासित कर दिया गया है।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 26 Jul 2023 11:07 PM (IST)
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कासरगोड, पीटीआई। उत्तरी केरल में बुधवार को एक मार्च के दौरान भड़काऊ नारा लगाने के आरोप में 300 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि इसमें से ज्यादातर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) की युवा शाखा के सदस्य हैं। पुलिस ने बताया कि मणिपुर में हिंसा पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को कांहांगड के पास यूथ लीग द्वारा आयोजित एक मार्च के दौरान ये नारे लगाए गए थे।

भाजपा कांहांगड मंडल अध्यक्ष ने की शिकायत

होसदुर्ग पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि भाजपा कांहांगड मंडल अध्यक्ष की शिकायत के आधार पर यूथ लीग के मार्च में भाग लेने वाले 300 लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि भड़काऊ नारा धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच विवाद को बढ़ावा देने और समाजिक सद्भाव को बिगाड़ने से संबंधित है।

अभी तक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस बीच आइयूएमएल यूथ लीग के प्रदेश महासचिव पीके फिरोज ने कहा कि भड़काऊ नारा लगाने वाले कार्यकर्ता को संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की युवा शाखा ने केरल के कासरगोड में एक रैली की और हिंदू विरोधी नारे लगाए।

उन्हें (हिंदुओं को) मंदिरों के सामने फांसी देने और जिंदा जलाने की धमकी दी। अगर पिनाराई सरकार उनका समर्थन नहीं कर रही होती तो वे इस हद तक जाने की हिम्मत नहीं कर पाते। उन्होंने पूछा कि क्या केरल में हिंदू और ईसाई अब सुरक्षित हैं?