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PSLV-C56 Mission Launch: इसरो आज करेगा एक अनोखा प्रयोग, यहां जानिए इसके बारे में सबकुछ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) द्वारा 30 जुलाई को एक साथ 7 सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के बादआज वैज्ञानिक PSLV-C56 रॉकेट के चौथे चरण का उपयोग करके एक नया प्रयोग शुरू कर रहे हैं।इस आगामी मिशन में वैज्ञानिक पीएसएलवी रॉकेट के चौथे चरण को निचली कक्षा में स्थापित करने की चुनौती का सामना करेंगे। बता दें पीएसएलवी-सी56 न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का मिशन है जो इसरो की कॉमर्शियल ब्रांच है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 30 Jul 2023 08:21 AM (IST)
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PSLV-C56 Mission Launch: इसरो आज करेगा एक अनोखा प्रयोग, यहां जानिए इसके बारे में सबकुछ
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), एजेंसी। PSLV-C56 Mission Launch: अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने आज नया इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने रविवार यानी 30 जुलाई को एक साथ 7 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है।

इसमें से 1 स्वदेशी और सिंगापुर के छह सैटेलाइट शामिल हैं। इन उपग्रहों को पीएसएली-सी56 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। बता दें, इसरो की कॉमर्शियल ब्रांच पीएसएलवी-सी56 न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का मिशन है।

वैज्ञानिक अब इसमें करेंगे नया प्रयोग

सात सिंगापुर सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद इसरो के वैज्ञानिक अब PSLV-C56 रॉकेट के चौथे चरण का उपयोग करके एक नया प्रयोग शुरू कर रहे हैं। इस साल अप्रैल में लॉन्च किए गए PSLV-C55 TeLEOS-2 मिशन में आज वैज्ञानिक पीएसएलवी रॉकेट के चौथे चरण को निचली कक्षा में स्थापित करने का प्रयास करेंगे।

क्या है इसरो का प्लान?

इसरो के अनुसार, सभी सिंगापुर सैटेलाइट को लगभग 536 किमी की ऊंचाई पर इच्छित कक्षा में स्थापित करने के बाद, रॉकेट के ऊपरी चरण को लगभग 300 किमी की ऊंचाई पर इसकी कम कक्षीय जीवन सुनिश्चित करने के लिए निचली कक्षा में रखा जाएगा। .

इसरो ने कहा, 'पीएस4 (चौथे चरण) को 300x300 किमी में निचली पृथ्वी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जिसमें खर्च किए गए पीएस4 चरण के कक्षीय जीवन को कम करने के लिए बचे हुए प्रपेलन्ट का उपयोग किया जाएगा।'