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Puja Khedkar: 'UPSC के पास मुझे अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं', पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का दावा

Puja Khedkar यूपीएससी ने पिछले महीने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उसे भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था। आयोग ने आरोप लगाया कि उन्होंने आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी दी। पूजा ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का कोई अधिकार नहीं है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 29 Aug 2024 02:41 PM (IST)
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Puja Khedkar पूजा खेडकर ने अपनी अयोग्यता पर नया दावा किया।
एजेंसी, नई दिल्ली। Puja Khedkar धोखाधड़ी कर गलत तरीके से ओबीसी और विकलांगता कोटा पाने वालीं पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने आज बड़ा दावा किया है। पूजा ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का कोई अधिकार नहीं है।

UPSC ने रद्द की थी उम्मीदवारी

यूपीएससी ने पिछले महीने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उसे भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था। आयोग ने आरोप लगाया कि उन्होंने आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी दी।

अग्रिम जमानत की मांग कर रही पूजा

दरअसल, पूजा खेडकर अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत की मांग कर रही है। पूजा ने दावा किया कि खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर अदालत के समक्ष दायर जवाब में कहा कि एक बार प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में चयनित और नियुक्त होने के बाद, यूपीएससी के पास उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है।

अब केवल केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

नाम बदलने के आरोप पर क्या बोली पूजा खेडकर?

यूपीएससी ने दावा किया है कि पूजा खेडकर ने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए अनुमत छह बार से अधिक बार अति-प्रतिस्पर्धी योग्यता परीक्षा दी। उसने अपना और अपने माता-पिता का नाम बदलकर ऐसा किया, यही वजह है कि आयोग ने कहा कि वह उल्लंघन का पता नहीं लगा सका।

हालांकि, पूजा खेडकर ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि 2012 से 2022 तक उनके नाम या उपनाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यूपीएससी को अपने बारे में कोई गलत जानकारी नहीं दी है।

पूजा ने ये भी किया दावा

पूजा ने अदालत को बताया कि यूपीएससी ने बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से मेरी पहचान सत्यापित की। आयोग ने मेरे दस्तावेजों को नकली या गलत नहीं पाया। मेरा शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जन्म तिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी बिल्कुल सही पाई गई।

पूजा ने आगे कहा कि बोर्ड ने पाया कि मेरी विकलांगता 47 फीसद तक है और पीडब्ल्यूबीडी (बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति) श्रेणी के लिए आवश्यक 40 फीसद विकलांगता से अधिक है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज पूजा खेडकर की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी और मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को तय की।