Punjab News: राज्यपाल बनवारी लाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, पंजाब की आप सरकार की ओर से दाखिल है याचिका
याचिका में विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी के लिए राज्यपाल को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।याचिका में कहा गया है कि इस तरह की असंवैधानिक निष्क्रियता से पूरा प्रशासन एक तरह से ठप पड़ गया है। राज्य सरकार की दलील है कि राज्यपाल अनिश्चित काल तक विधेयकों को रोक नहीं सकते हैं और संविधान के अनुच्छेद-200 के तहत प्राप्त उनकी शक्तियां सीमित है।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 12:15 PM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में की जा रही देरी को लेकर राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। मामले को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा विधेयकों पर की गई कार्रवाई पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्यपालों को शीर्ष अदालत के समक्ष मामले आने से पहले ही विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
शुक्रवार तक टली सुनवाई
वहीं पंजाब के राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल मेहता ने पीठ को सूचित किया कि राज्यपाल ने उनके समक्ष रखे गए विधेयकों पर कार्रवाई की है और पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका एक अनावश्यक मुकदमा है। पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को थोड़ी आत्ममंथन की जरूरत है, उन्हें पता होना चाहिए कि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं।मामला अदालत में आने से पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए। एसजी का कहना है कि पंजाब के राज्यपाल ने कार्रवाई की है और कुछ दिनों में अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश की जाएगी। याचिका को शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाए और अदालत को राज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाए। अदालत ने मामले की सुनवाई 10 नवंबर को तय की है।
राज्यपाल आप सरकार के झगड़े में हैं शामिल
बता दें पंजाब के राज्यपाल मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के साथ चल रहे झगड़े में शामिल हैं। 1 नवंबर को पुरोहित ने उन्हें भेजे गए तीन में से दो बिलों को अपनी मंजूरी दे दी। इसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने मान को लिखा कि वह विधानसभा में पेश करने की अनुमति देने से पहले योग्यता के आधार पर सभी प्रस्तावित कानूनों की जांच करेंगे।धन विधेयक को सदन में पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता होती है। वहीं पुरोहित ने पंजाब माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 और भारतीय स्टांप (पंजाब संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी है।