'पूर्वोदय' विकास के उजियारे में राजनीतिक जमीन पर भी नजर, चहुंमुखी विकास के लिए पॉलिटिकल रोडमैप पर काम करेगी सरकार
मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में वित्त मंत्री ने अपनी स्पीच में ईस्टर्न रीजन के विकास के लिए पूर्वोदय योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश आएंगे। जानिए वित्त मंत्री ने इन राज्यों के लिए क्या एलान किया है। सरकार देश के पूर्वी राज्यों के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वादेय नामक योजना तैयार करेगी।
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में 'भविष्य की चिंता' सिर्फ विकास और रोजगार के दृष्टिकोण से ही नहीं दिखी, बल्कि इस पर 'पॉलिटिकल रोडमैप' की छांव भी दिखाई दी। गठबंधन सहयोगी दलों की खातिर सरकार ने यदि बिहार और आंध्र प्रदेश पर विशेष प्रेम दिखाया है तो पूर्वोदय योजना की घोषणा कर यह संदेश भी साफ दे दिया है कि विकास की रोशनी फैलाते हुए उसकी नजर अपने लिए अन्य राज्यों में भी राजनीतिक जमीन मजबूत करने या बनाए रखने पर भी होगी।
इस योजना के तहत सरकार ने देश के पूर्वी भाग के राज्यों सहित बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के चहुंमुखी विकास का वादा किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में स्पष्ट कहा कि देश के पूर्वी भाग के राज्य प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध हैं और इन राज्यों की सांस्कृतिक परंपराएं सुदृढ़ हैं। उन्होंने घोषणा की कि सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी राज्यों के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वादेय नामक योजना तैयार करेगी। इस योजना में मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसर तैयार करना शामिल है, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
विकास योजनाओं का खोला पिटारा
इसी कड़ी में लगे हाथ वित्त मंत्री ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विकास योजनाओं का पिटारा खोल दिया। इन दो राज्यों के लिए दिए गए बजट का प्रत्यक्ष संदेश यही है कि दोनों जगह भाजपा के सहयोगी दलों के नेतृत्व में राजग सरकार चल रही है, जिनमें से बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, पूर्वोदय में शामिल अन्य राज्यों का भी अपना महत्व है।झारखंड में इसी वर्ष होने हैं चुनाव
दरअसल, झारखंड में इसी वर्ष चुनाव होने हैं। ओडिशा में लंबे समय से सत्तासीन बीजू जनता दल को बेदखल कर भाजपा ने सरकार बनाई है तो अब वहां अपने पैर विकास के सहारे मजबूती से जमाना चाहती है। इसी तरह बंगाल में भाजपा लंबे समय से संघर्षरत है और अपना आधार बनाने के लिए प्रयास कर रही है। अब पूर्वोदय योजना के तहत विभिन्न विभागों के माध्यम से बड़ी विकास योजनाएं इन राज्यों में शुरू की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर के राज्यों को बीते दस वर्षों में मोदी सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में रखा है, जिसका राजनीतिक लाभ मिला भी है।
आदिवासी वर्ग को लेकर भी दिखी चिंता
इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी आरक्षित सीटों पर काफी नुकसान हुआ है। इसका संदेश यह गया कि बीते दो लोकसभा चुनावों में जो आदिवासी वर्ग भाजपा के करीब आया था, वह कुछ विमुख हुआ है। हालांकि, सरकार ने इस वर्ग को लेकर बजट में काफी चिंता दिखाई है।प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान किया जाएगा शुरू
घोषणा की गई है कि जनजातीय समुदायों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों को पूर्ण रूप से कवर किया जाएगा। इस अभियान में 63000 गांव शामिल होंगे, जिससे पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस बार जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट भी बढ़ा दिया है। वर्ष 2023-24 के बजट में यह 7605 करोड़ रुपये था, जबकि इस बार 13000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
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