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Quad Summit 2023: क्वाड शिखर सम्मेलन सिडनी में, पीएम मोदी लेंगे हिस्सा; चीन के आक्रामक रवैये पर होगी चर्चा

पिछले वर्ष की बैठक को क्वाड की सबसे महत्वपूर्ण बैठक के तौर पर जाना जाता है जिसमें एक साथ कई ऐसे फैसले किये गये थे जो हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को चुनौती देता है। इस बार की बैठक सिडनी में होने जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 26 Apr 2023 08:59 PM (IST)
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पिछले साल की बैठक के फैसलों की होगी समीक्षा चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ और मजबूत होगा क्वाड।

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। क्वाड यानी भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया का संगठन की अगली शिखर बैठक 24 मई, 2023 को सिडनी में होने जा रही है जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। आस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी एल्बेनिजी ने बुधवार को इस बैठक के आयोजन की घोषणा की और बताया कि क्वाड एक खुला, स्थिर और संपन्न हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है ताकि सभी की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित हो।

आस्ट्रेलिया में पहली बार होने जा रही क्वाड की बैठक

बैठक में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे आसियान, पैसिफिक आइलैंड फोरम, इंडियन ओसियन रिम एसोसिएशन के साथ किस तरह से सहयोग किया जाए, इसको लेकर चर्चा होगी। यह क्वाड नेताओं की तीसरी बैठक होगी जिसमें सभी भौतिक तौर पर शामिल होंगे, आस्ट्रेलिया में पहली बार यह बैठक होने जा रही है।

बैठक को लेकर कूटनीतिक सूत्रों ने बताया है कि इस बार एजेंडे में ऐसा कुछ नया नहीं होगा क्योंकि पिछले वर्ष जापान में हुआ शिखर सम्मेलन काफी व्यापकता वाला था और उसमें जो फैसले किये गये हैं अभी उनको अमल में लाना है।

चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये पर होगी चर्चा

पिछले वर्ष की बैठक को क्वाड की सबसे महत्वपूर्ण बैठक के तौर पर जाना जाता है जिसमें एक साथ कई ऐसे फैसले किये गये थे जो हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को चुनौती देता है। मसलन, इसमें कहा गया था कि पूर्वी व दक्षिणी चाइना सी में समुद्री सीमा से जुड़े संयुक्त राष्ट्र के कानूनों का सही तरीके से पालन करने के लिए सभी सदस्य देश व्यापक सहयोग करेंगे।

साथ ही समुद्री क्षेत्र में कोई भी ताकत का इस्तेमाल करता है तो उसका विरोध किया जाएगा। कहने की जरूरत नहीं कि चीन का नाम लिये बगैर ही उक्त दोनो बातें उसकी गतिविधियों की तरफ इशारा करती हैं। वैसे इस बारे में जमीनी तौर पर क्वाड देश किस तरह से आगे बढ़ेंगे, इसको स्पष्ट नहीं किया गया है।

पिछले वर्ष की बैठक में कुछ और फैसले भी थे जिसको लागू करने को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन, पीएम नरेन्द्र मोदी, पीएम फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के पीएम एल्बेनिजी के बीच मंथन होने की संभावना है। एक फैसला सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर पृथक नेटवर्क स्थापित करने से संबंधित है। कोरोना काल तक पूरी दुनिया सेमीकंडक्टर आपूर्ति के लिए चीन पर आश्रित थी।

सेमीकंडक्टर के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करेगा क्वाड

क्वाड देशों के बीच इस बारे में वर्ष 2021 में भी चर्चा हुई थी लेकिन वर्ष 2022 की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि, हमने फैसला किया है कि सेमीकंडक्टर का एक विविध व प्रतिस्प‌र्द्धी बाजार के लिए  अपनी ताकत का इस्तेमाल करेंगे। इसके साथ ही क्वाड देशों ने चीन के कर्ज में दबे देशों को उबारने के लिए एक सामूहिक नीति बनाने की भी मंशा दिखाई थी।

इस बारे में भी अभी कोई प्रगति नहीं हो पाई है। इस साल की बैठक में यह भी मुद्दा रहेगा। सूत्रों का कहना है कि आगामी बैठक में भारत के लिए आतंकवाद निश्चित तौर पर एक बड़ा मुद्दा रहेगा। पिछले वर्ष पहली बार क्वाड शीर्ष नेताओं ने आतंकवाद पर चर्चा की थी और बाद में जो संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया था उसमें पठानकोट और मुंबई आतंकी हमले का जिक्र भी था और किसी भी सूरत में आतंकवादी गतिविधियों को न्यायसंगत नहीं ठहराने की बात कही गई थी।

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत इन सभी देशों के साथ अलग से भी चर्चा करता है लेकिन क्वाड में इस मुद्दे को शामिल करने को पाकिस्तान पर ज्यादा दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है।