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Quality Control से घरेलू फुटवियर उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन; बढ़ेगा उत्पादन, रोजगार में होगी बढ़ोतरी

इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजय गुप्ता ने बताया कि अभी चीन से एक-एक डॉलर (82 रुपए) में घटिया किस्म के जूते आते हैं जिसे पहनने से पैर में दर्द व कई अन्य बीमारी हो जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 25 May 2023 09:26 PM (IST)
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क्वालिटी कंट्रोल से 70,000 करोड़ के फुटवियर उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी एक जुलाई से क्वालिटी कंट्रोल नियम के लागू होने 70,000 करोड़ के घरेलू फुटवियर उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। क्वालिटी कंट्रोल नियम लागू होने से फुटवियर का आयात कम हो जाएगा जिससे घरेलू निर्माताओं को अपना उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। निर्माताओं का कहना है कि क्वालिटी कंट्रोल लागू होने के बाद फुटवियर में गुणवत्ता वाले ही कच्चे माल का इस्तेमाल होगा जिससे उनकी लागत थोड़ी बहुत बढ़ सकती है और उपभोक्ताओं को भी इस बढ़ोतरी का मामूली भार सहना पड़ सकता है।

किन पर लागू होगा क्वालिटी कंट्रोल?

क्वालिटी कंट्रोल का नियम सालाना 50 करोड़ से कम का कारोबार करने वाले निर्माताओं पर लागू नहीं होगा। इसलिए छोटे निर्माताओं की उत्पादन लागत और बिक्री कीमत पर कोई असर नहीं होगा। नियम लागू होने के बाद विदेश में फुटवियर बनाने वाली कंपनियों से तभी फुटवियर आयात किया जा सकेगा जब उस कंपनी ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से सर्टिफिकेशन ले रखा है। सर्टिफिकेशन तभी होगा जब बीआईएस के अधिकारी विदेशी कंपनी का दौरा करेंगे और उस दौरे का खर्च विदेशी कंपनियों को वहन करना होगा।

फुटवियर आयात में कमी की आशंका

रोजाना पांच लाख जोड़े फुटवियर बनाने की क्षमता रखने वाले वीकेसी ग्रुप के चेयरमैन वीकेसी नौशाद ने बताया कि सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से फुटवियर आयात में कमी आएगी और उसकी भरपाई घरेलू निर्माता ही करेंगे। पूरी तरह से क्वालिटी कंट्रोल नियम के लागू होने के बाद घरेलू निर्माताओं का उत्पादन काफी बढ़ सकता है। फुटवियर निर्माताओं का यह भी कहना है कि वे अलग-अलग डिजायन के फुटवियर बनाते है और नियम के मुताबिक उन्हें हर डिजायन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो से अलग-अलग सर्टिफिकेशन लेना होगा जो कठिन दिख रहा है।

घटिया जूतों पर लगेगी रोक

इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजय गुप्ता ने बताया कि अभी चीन से एक-एक डॉलर (82 रुपए) में घटिया किस्म के जूते आते हैं जिसे पहनने से पैर में दर्द व कई अन्य बीमारी हो जाती है। क्वालिटी कंट्रोल लागू होने से इस प्रकार के जूते-चप्पलों पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि निर्माताओं ने बीआईएस से सर्टिफिकेशन लेना शुरू कर दिया है।

घरेलू निर्माताओं के लिए मौका

फुटवियर निर्माताओं के मुताबिक क्वालिटी कंट्रोल के लागू होने से उन्हें निर्यात बढ़ाने का भी मौका मिलेगा क्योंकि नए नियम से विदेश में भारतीय उत्पाद की ब्रांडिंग होगी। फुटवियर निर्माण का काम रोजगारपरक है और निर्यात बढ़ने से रोजगार भी बढ़ेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में 43.5 करोड़ डॉलर के रबर सोल वाले फुटवियर का आयात किया गया जो वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 57 फीसद अधिक है।