ओडिशा ट्रेन हादसे से यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल, विशेषज्ञों ने कहा- कर्मचारियों पर है कार्य का अधिक बोझ
ट्रैक का रखरखाव न होना और मानवीय भूल को इस तरह की दुर्घटनाओं के पीछे जिम्मेदार माना जाता है। रेलवे बढ़ती मांग से निपटने के लिए अधिक से अधिक ट्रेन चला रही है लेकिन रखरखाव के लिए उस अनुपात में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाई है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 03 Jun 2023 10:02 PM (IST)
नई दिल्ली, रायटर। भारत के विशाल रेल नेटवर्क को 30 अरब डालर की मदद से नया रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें नई ट्रेन के साथ ही स्टेशन का आधुनिकरण शामिल है। लेकिन, शुक्रवार को हुए जानलेवा हादसे के बाद एक बार फिर चर्चा के केंद्र में यात्रियों की सुरक्षा आ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नई ट्रेन की जगह सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
रेलवे से रोज करीब 1.3 करोड़ लोग करते हैं यात्रा
वहीं, रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि रेलवे के लिए सुरक्षा हमेशा से ही महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क संचालित कर रहा है। इससे रोज करीब 1.3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। 170 वर्ष पुराने इस सिस्टम में तेजी से विस्तार हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वर्ष ट्रैक को अपग्रेड करने और भीड़ कम करने के लिए नई ट्रेनों सहित अन्य कार्य के लिए सरकार की ओर से रेलवे को 2.4 खरब रुपये दिए गए। यह पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। भारत में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत का निर्माण किया गया। यह रेलवे की आधुनिकता का प्रतीक है।
सुरक्षा को लेकर और कार्य करने की जरूरत
किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रकाश कुमार सेन ने कहा कि शुक्रवार को हुई दुर्घटना इस मामले में एक झटका है। सेन भारत में पटरी से ट्रेन के उतरने के कारण और सुधारात्मक उपाय पर 2020 के एक अध्ययन के प्रमुख लेखक भी हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अब भी इसे लेकर कार्य करने की जरूरत है।
ठीक से ट्रैक का रखरखाव न होना और मानवीय भूल को इस तरह की दुर्घटनाओं के पीछे जिम्मेदार माना जाता है। रेलवे बढ़ती मांग से निपटने के लिए अधिक से अधिक ट्रेन चला रही है, लेकिन रखरखाव के लिए उस अनुपात में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाई है। कर्मचारियों पर काम का बोझ ज्यादा है।