किसान आंदोलन के बावजूद बेअसर रही रबी की बोआई, गेहूं की बोआई सामान्य के करीब, रकबा ढाई करोड़ हेक्टेयर के आसपास
किसान आंदोलन का असर चालू रबी सीजन की खेती पर नहीं पड़ा है। पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। गेहूं की बोआई भी कुल सामान्य रबी रकबा के मुकाबले 80 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 13 Dec 2021 07:24 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि सुधारों के खिलाफ चलाए गए किसान आंदोलन का असर चालू रबी सीजन की खेती पर नहीं पड़ा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसके विपरीत बोआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। चालू रबी सीजन में फसलों की बोआई अपने अंतिम दौर में है। पिछले साल की अवधि के मुकाबले बोआई का रकबा ज्यादा हो गया है। दलहन और तिलहन समेत मोटे अनाज वाली फसलों की बोआई लगभग समाप्त हो चुकी है। वहीं रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई भी कुल सामान्य रबी रकबा के मुकाबले 80 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है।
राज्यों को पर्याप्त फर्टिलाइजर की आपूर्तिमंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर राज्यों को पर्याप्त फर्टिलाइजर की आपूर्ति हो चुकी है। इसके बावजूद संसद और उससे बाहर फर्टिलाइजर को लेकर हायतौबा मची है।
अच्छे मौसम से बोआई की रफ्तार में आई तेजीराजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनों से बेअसर रही खेती अपनी चाल चलती रही। आम किसान अपने खेतों में फसलों की बोआई और कटाई में व्यस्त था। चालू रबी सीजन में अच्छा मौसम देखते ही फसलों की बोआई की रफ्तार तेज हो गई। लौटते मानसून की बारिश की वजह से जमीन में जहां पर्याप्त नमी मिल गई, वहीं 15 नवंबर से तापमान भी नीचे आने लगा। फसलों की बोआई के लिए यह अनुकूल मौसम मिला, जिसका फायदा तिलहन, दलहन और मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों ने उठाया। जबकि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा भी कुल सामान्य बोआई रकबा के करीब पहुंच गया है।
अब तक पांच करोड़ हेक्टेअर से ज्यादा क्षेत्र में हो चुकी है बोआईकृषि मंत्रालय के जारी बोआई आंकड़ों के मुताबिक चालू सीजन में अब तक कुल 5.13 करोड़ हेक्टेयर में बोआई हो चुकी है। जबकि पिछले साल की इसी अवधि तक कुल 5.03 करोड़ हेक्टेयर में बोआई की जा चुकी था। साढ़े नौ लाख हेक्टेयर अधिक बोआई हो चुकी है। गेहूं का रकबा ढाई करोड़ हेक्टेयर के आसपास पहुंच गया है। जबकि कुल सामान्य रकबा 3.03 करोड़ हेक्टेयर है। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि चालू सीजन में गेहूं का रकबा सामान्य से अधिक हो सकता है।
पंजाब में गेहूं की बोआई निर्धारित लक्ष्य के करीबप्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों का बोआई आंकड़ा देखें तो पंजाब में कुल 35 लाख हेक्टेयर के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 34.50 लाख हेक्टेयर में बोआई हो गई है। हरियाणा में 25 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर में खेती हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में 99 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 73 लाख हेक्टेयर में बोआई हो गई है।
राज्यों में फर्टिलाइजर की पर्याप्त उपलब्धताइन सभी राज्यों में फर्टिलाइजर की पर्याप्त उपलब्धता है जबकि मध्य प्रदेश में कुल 94 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 65 लाख हेक्टेयर में खेती हो पाई है। यहां डीएपी की जितनी जरूरत है, उससे दोगुना से अधिक एनपीके उपलब्ध है। संसद में तेलंगाना के सांसदों ने फर्टिलाइजर को लेकर होहल्ला मचाया, जबकि फर्टिलाइजर मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में फर्टिलाइजर की कुल जरूरत 7.89 लाख टन के मुकाबले वहां 9.26 लाख टन फर्टिलाइजर उपलब्ध है।
किसानों का तिलहनी फसलों पर जोरखाद्य तेलों की वैश्विक और घरेलू बाजारों की महंगाई के मद्देनजर किसानों का जोर तिलहनी फसलों पर बढ़ा है। चालू सीजन में पिछले साल के 72 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 88.50 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है। इसमें और वृद्धि हो सकती है। जबकि दलहनों की प्रमुख फसल चना का रकबा पिछले साल के 90 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 93 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है।