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Tripura: त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में हुई रैगिंग, 18 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज; 10 लाख रुपये का लगा जुर्माना

त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग करने की घटना सामने आई है। हपनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज के 18 छात्रों के खिलाफ कॉलेज प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई। कॉलेज ने आरोपियों पर सामूहिक रूप से 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही छात्रों को एक साल के लिए हॉस्टल से निकाल दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Mon, 28 Oct 2024 09:31 AM (IST)
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त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटना (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा के अगरतला से रैगिंग का एक मामला सामने आया है। बता दें कि अगरतला के हपनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज के 18 छात्रों के खिलाफ कॉलेज प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई।

मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज ने आरोपियों पर सामूहिक रूप से 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, साथ ही एक साल के लिए हॉस्टल से निलंबित करने और छह महीने तक आरोपियों के मोबाइल पर नजर रखने का आदेश दिया है।

छात्राएं करें सीनीयर्स को प्रपोज

वरिष्ठ छात्रों पर जूनियर छात्रों को सिर मुंडवाने की धमकी देने और छात्राओं को अपने वरिष्ठों को प्रपोज करने के लिए मजबूर करने आदि का आरोप लगाया जा रहा है। आंतरिक जांच करने पर, कॉलेज ने पाया कि आरोपी छात्रों ने नए प्रवेशित 2024 एमबीबीएस छात्रों, विशेष रूप से एसटी छात्रों को बार-बार गाली दी, धमकाया और अपमानित किया, उन्हें व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अपमानजनक गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया।

उल्लेखनीय है कि भारत भर के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के दौरान सामूहिक रूप से सिर मुंडवाना एक प्रकार की रस्म बन गई है, तथा हर साल मीडिया में छात्रों के सिर मुंडवाने की खबरें और तस्वीरें सामने आती रहती हैं।

छात्राओं को दिए गए थे गाना गाने के निर्देश

एंटी रैगिंग एनजीओ, सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन ने पीड़ितों से शिकायत मिलने पर कॉलेज और यूजीसी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की। पीड़ितों को नमूना तस्वीरें दिखाई गईं कि कैसे उनके सिर मुंडवाए जाने थे। महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता का पूर्ण उल्लंघन करते हुए, व्हाट्सएप के माध्यम से अधिकांश छात्राओं को अपने वरिष्ठों को प्रपोज करने और वरिष्ठों का मनोरंजन करने के लिए गाना गाने के निर्देश दिए गए थे।

छात्रों को मिली सजा

एनजीओ की ओर से अभियान का नेतृत्व करने वाले एंटी-रैगिंग कार्यकर्ता रूपेश कुमत झा ने कहा, "यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण होना चाहिए। हमारे शैक्षणिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती।"

एक अन्य कार्यकर्ता मीरा कौर पटेल ने कहा, "यह सबसे बड़े मामलों में से एक है जिसमें किसी कॉलेज ने दोषियों को सजा दी है। पहले भी ऐसे कई मामलों में कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग की घटनाओं को छिपाने की कोशिश की है।

प्राचार्य डॉ. अरिंदम दत्ता द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, कॉलेज ने शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित की थी और "शिकायतें प्रथम दृष्टया सही पाई गई हैं।"

आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

कॉलेज द्वारा की गई कार्रवाई के अनुसार, आरोपी छात्र बार-बार अपने जूनियर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने में संलिप्त पाए गए, विशेष रूप से एसटी छात्रों को अपमानजनक गतिविधियां करने के लिए मजबूर करते हुए…, और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से पीड़ित छात्रों को खुद का परिचय देने और कोकबोरोक भाषा (Kokborok language) में बात करने के लिए निर्देशित करते पाए गए।

एफआईआर दर्ज करने के अलावा, समिति ने सभी आरोपियों पर प्रति छात्र 50,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना, बार-बार परेशान करने वालों पर 10,000 रुपये तथा SAVE टीम के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर अतिरिक्त 25,000 रुपये का जुर्माना लगाने का भी निर्णय लिया।

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