राहुल ने यूपीए के बिल में ओबीसी कोटा न होने पर जताया अफसोस, बोले- हमारी सरकार बनी तो कराएंगे जातीय जनगणना
Women Reservation Bill नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों के तेज हुए सियासी दावों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए सरकार के समय लाए गए महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटे के प्रविधान को शामिल नहीं करने पर अफसोस जताया है। राहुल ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो जातीय जनगणना करवाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों के तेज हुए सियासी दावों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए सरकार के समय लाए गए महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटे के प्रविधान को शामिल नहीं करने पर अफसोस जताया है।
राहुल ने जातीय जनगणना का किया वादा
राहुल ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो जातीय जनगणना करवाएंगे। उन्होंने महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने के लिए जनगणना व परिसीमन की शर्त हटाने की सरकार से मांग की है। शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2010 में यूपीए द्वारा राज्यसभा में पारित महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटे का प्रविधान नहीं होने को लेकर खेद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें इसका सौ प्रतिशत अफसोस है, हमें यह तभी करना चाहिए था। इसलिए हमारी सरकार बनते ही हम जातीय जनगणना कराएंगे ताकि ओबीसी, दलित और आदिवासियों का आंकड़ा जानकर उस हिसाब से सत्ता में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना इस तस्वीर को साफ करेगी कि देश में ओबीसी, दलित और आदिवासियों की संख्या कितनी है और इसी आधार पर उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी।
संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसमें जोड़ी गई दो शर्तों के कारण महिला आरक्षण अब से दस साल बाद लागू होगा। इससे साफ है कि महिला आरक्षण लागू किए बिना केवल चुनावी मु²द्दा बनाने के लिए इसे लाया गया है और सरकार इसके जरिये जातिगत जनगणना से ध्यान भटकाना चाहती है।
'सांसदों को मूर्ति बनाकर रखा'
केंद्र सरकार के सचिवों में ओबीसी की हिस्सेदारी बेहद कम होने के उनके सवालों पर भाजपा के लोकसभा में बड़ी संख्या में उसके ओबीसी सांसद होने के जवाब पर राहुल गांधी ने कहा कि चाहे भाजपा के सांसद हों कांग्रेस या आइएनडीआइए के अन्य दल, सभी सांसदों को लोकसभा में मूर्ति बनाकर रखा गया है। देश के लिए किसी भी फैसले में सांसदों को शामिल नहीं किया जाता और ओबीसी सांसदों के पास कोई पावर नहीं है।
'तीन ही ओबीसी सचिव क्यों?'
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ओबीसी के लिए बहुत काम करने की बात कहते हैं तो फिर केंद्र सरकार के 90 सचिवों में केवल तीन ही ओबीसी क्यों हैं? ओबीसी, एससी/एसटी वर्ग के सचिव देश के सिर्फ छह प्रतिशत बजट को ही संचालित करते हैं तो ऐसे में हर दिन पिछड़ों की बात करने वाले पीएम मोदी ने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया? कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा दो मुद्दों अदाणी व जातीय जनगणना से डरती है। जब वे यह दोनों बटन दबाते हैं तो भाजपा तुरंत उछल पड़ती है क्योंकि वह ओबीसी को सत्ता नहीं देना चाहती।