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'पिता ने राहुल गांधी से मांगा था समय, तीन महीने तक इंतजार भी किया', चिराग ने बताई रामविलास पासवान के कांग्रेस से अलग होने की वजह

Chirag Paswan News 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी का गठबंधन क्यों टूटा था इसका खुलासा उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने 10 साल बाद किया है। चिराग पासवान का कहना है कि उनके पिता यूपीए से अलग नहीं होना चाहते थे। उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। वे यूपीए में रहने के इच्छुक थे।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 19 Jul 2024 05:38 PM (IST)
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रामविलास पासवान और चिराग पासवान। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान ने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए को छोड़ भाजपा में शामिल होने का फैसला क्यों किया था।

चिराग पासवान ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले उनके पिता ने राहुल गांधी से मिलने की महीनों कोशिश की। मगर राहुल गांधी ने मिलने का वक्त नहीं दिया। यही प्रमुख वजह है कि उनके पिता को भाजपा के साथ गठबंधन में आना पड़ा।

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सोनिया गांधी ने दी थी राहुल से मिलने की सलाह

चिराग पासवान ने राहुल गांधी के बारे में अपनी राय भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राहुल हाल ही में अपनी जिम्मेदारी को थोड़ा अधिक गंभीरता से लेने लगे हैं। हालांकि चिराग ने संसद में उनके हालिया भाषण की आलोचना की।

चिराग पासवान ने कहा कि यूपीए में अपनी पार्टी के भविष्य पर चर्चा के लिए अपने पिता के साथ सोनिया गांधी से मिला था। उस वक्त सोनिया गांधी ने राहुल गांधी से मिलने का सुझाव दिया था। पिता ने समय मांगा और तीन महीने से अधिक समय तक इंतजार किया, लेकिन राहुल गांधी ने मुलाकात नहीं की।

पिता को मनाना होता मुश्किल

चिराग पासवान ने कहा कि इसके बाद भी उनके पिता यूपीए का हिस्सा बने रहने के इच्छुक थे। इस बारे में राहुल गांधी से चर्चा करना चाहते थे। चिराग पासवान ने आगे कहा कि यह मेरे लिए अच्छा हुआ। अगर राहुल गांधी से मुलाकात हो जाती तो अपने पिता को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के लिए मनाना मुश्किल होता।

बता दें कि रामविलास पासवान देश के एक बड़े वंचित नेता थे। 2020 में उनका निधन हो गया था। 2014 लोकसभा चुनाव रामविलास पासवान ने भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था।

2013 तक हम यूपीए में थे और मुझे अच्छी तरह याद है कि मेरे पिता गठबंधन छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। वह गठबंधन में बने रहना चाहते थे। मेरे लिए उन्हें गठबंधन बदलने के लिए मनाना बेहद मुश्किल था। चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री।

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