लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई, राहुल बोले- कांग्रेस आई तो किसानों-मजदूरों और व्यापारियों की सरकार होगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आगामी लोकसभा चुनावों को दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ I.N.D.I.A संविधान के लिए लड़ रहा है और दूसरी तरफ भाजपा संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर आईएनडीआईएन देश की सत्ता में आता है तो यह आम नागरिकों किसानों मजदूरों और व्यापारियों की सरकार होगी।
पीटीआई, मांड्या (कर्नाटक)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आगामी लोकसभा चुनावों को दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ I.N.D.I.A 'संविधान के लिए लड़ रहा है' और दूसरी तरफ भाजपा 'संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है'।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र पर बोतले हुए उन्होंने कहा कि अगर आईएनडीआईएन देश की सत्ता में आता है, तो यह "आम नागरिकों, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की सरकार" होगी।
भाजपा संस्थानों में अपने लोगों को बिठा रही- गांधी
राहुल गांधी ने मांड्या में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, यह दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है। एक तरफ कांग्रेस और आईएनडीआईएन का गुट है, जिसने संविधान के लिए लड़ाई लड़ी, देश को संविधान और लोकतंत्र दिया। दूसरी ओर भाजपा है, जो संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है और सभी संस्थानों में अपने लोगों को बिठा रही है।भाजपा सरकार 22 से 25 अमीर लोगों की
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 22 से 25 अमीर लोगों की है। कांग्रेस आप लोगों को ऐसी सरकार देगी जो आम नागरिकों, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के लिए काम करेगी।
मोदी सरकार हफ्ते बाजी करती है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 'हफ्ता बाजी' (जबरन वसूली योजना) चलाती है। उन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना को दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा जबरन वसूली घोटाला बताया।प्रधानमंत्री मोदी हाथ कांप रहे थे- राहुल
साथ ही राहुल गांधी ने लोगों से गूगल पर जाकर चुनावी बॉन्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू देखने के लिए कहा कि इस दौरान उनके हाथ कैसे कांप रहे थे।राहुल गांधी ने आगे कहा कि आपने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू देखा होगा। उस इंटरव्यू में उन्होंने चुनावी बॉन्ड के बारे में बात की थी। यह एक घंटे लंबा इंटरव्यू था जहां उन्होंने चुनावी बॉन्ड पर सफाई देने की कोशिश की।
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