केंद्र सरकार पर राहुल गांधी ने जमकर बोला हमला, कहा- नीट-पीजी परीक्षा के स्थगन का मतलब है शिक्षा प्रणाली बर्बाद हो गई है
नीट-पीजी की परीक्षा होने के साथ ही राहुल गांधी ने केंद्र सरकरा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अब नीट- पीजी भी स्थगित हो गया है। यह नरेन्द्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। भाजपा राज में छात्र अपना करियर बनाने के लिए पढ़ाई नहीं अपना भविष्य बचाने के लिए सरकार से लड़ाई लड़ने को मजबूर है।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा- स्नातकोत्तर (नीट- पीजी) को स्थगित करने को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि यह एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है कि शिक्षा प्रणाली बर्बाद हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि 23 जून को होने वाली नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया गया है।
राहुल ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया, अब नीट- पीजी भी स्थगित हो गया है। यह नरेन्द्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। भाजपा राज में छात्र अपना करियर बनाने के लिए 'पढ़ाई' नहीं, अपना भविष्य बचाने के लिए सरकार से 'लड़ाई' लड़ने को मजबूर है। अब यह स्पष्ट है - हर बार चुपचाप तमाशा देखने वाले मोदी पेपर लीक रैकेट और शिक्षा माफिया के आगे पूरी तरह से बेबस हैं। नरेन्द्र मोदी की अक्षम सरकार छात्रों के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है - हमें देश के भविष्य को उससे बचाना ही होगा।
महज लीपापोती है पेपर लीक के खिलाफ नया कानून लागू करना : खरगे
पेपर लीक रोकने वाले कानून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लीपापोती करार दिया। कहा कि भाजपा अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात सख्त कानून लागू कर दिया, जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि पिछले सात वर्षों में 70 प्रश्नपत्र लीक हुए। पूछा कि मोदी सरकार ने कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया। भाजपा नीट घोटाले में चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।
शिक्षा मंत्री ने झूठ क्यों बोला- खरगे
खरगे ने कहा, पेपर लीक के विरूद्ध कानून अधिसूचित नहीं हुआ था, लेकिन जब शिक्षा मंत्री की प्रेस वार्ता में उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कानून अधिसूचित हो गया। शिक्षा मंत्री ने झूठ क्यों बोला कि कानून अधिसूचित हो गया? 13 फरवरी 2024 को इस कानून को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई थी, पर कानून शुक्रवार रात अधिसूचित हुआ।उन्होंने कहा, शिक्षा मंत्री पहले तो पेपर लीक को नकारते रहे, फिर जब गुजरात, बिहार, हरियाणा में गिरफ्तारियां हुईं, तब कह रहें हैं कि चूंकि कुछ जगहों पर स्थानीय तौर पर पेपर लीक हुए हैं, इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं करा पाएंगे।