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Shakti Remark: "राहुल गांधी को भुगतना होगा", कांग्रेस नेता की 'शक्ति' टिप्पणी पर बोले स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि

राहुल गांधी के शक्ति पर दिए गए बयान के बाद भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। वहीं अब आध्यात्मिक नेता स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनकी शक्ति टिप्पणी को लेकर निशाना साधा। अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि प्रतिशोधी लोगों और संस्कृति के खिलाफ खड़े लोगों की ताकत लेकर शक्ति को हराने की बात कर रहे हैं तो राहुल गांधी को भुगतना होगा।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Tue, 19 Mar 2024 04:12 PM (IST)
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Shakti Remark: "राहुल गांधी को भुगतना होगा"- स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि
एएनआई, नई दिल्ली। आध्यात्मिक नेता स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनकी 'शक्ति' टिप्पणी को लेकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद को भुगतना होगा।

राहुल गांधी को भुगतना होगा- स्वामी गिरि

स्वामी गिरि ने एएनआई से कहा, अगर वह (राहुल गांधी) दुष्ट लोगों, प्रतिशोधी लोगों और संस्कृति के खिलाफ खड़े लोगों की ताकत लेकर शक्ति को हराने की बात कर रहे हैं, तो उन्हें (राहुल गांधी) भुगतना होगा। इसके लिए उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दो-तीन महीने के अंदर यह दिखने लगेगा। शक्ति को चुनौती देकर कोई कभी भी शक्ति प्राप्त नहीं कर सकता। शक्ति के प्रति आस्था, भक्ति और भावना होने पर ही आप शक्ति प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने INDIA ब्लॉक पर भी निशाना साधा और कहा कि वह (राहुल गांधी) जिसके साथ गठबंधन कर रहे हैं वह सनातन धर्म को चुनौती दे रहा है।

इससे पहले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोना वायरस और मलेरिया से की थी। उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर, 2023 को कहा था कि 'सनातन धर्म' समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है, उन्होंने इसकी तुलना कोरोनोवायरस और मलेरिया से की थी।

राहुल गांधी को नहीं है हिंदू धर्म की समझ- MP सीएम 

इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद को न तो हिंदू धर्म की समझ है और न ही लोकतंत्र की।

सीएम यादव ने सोमवार को भोपाल में पत्रकारों से कहा, दुर्भाग्य से मुझे कहना पड़ रहा है कि राहुल गांधी को न तो हिंदू धर्म की समझ है और न ही लोकतंत्र की, यहां तक कि ईवीएम की भी समझ नहीं है, जिसने भारत और लोकतंत्र को दुनिया में बेहतर स्थिति में रखा है। ऐसे में राहुल गांधी को सोचना चाहिए कि वे क्या कहते हैं और उनकी पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए कि वे राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं या नहीं।

राहुल गांधी ने इससे पहले मुंबई में एक संबोधन में कहा था कि हिंदू धर्म में एक शब्द है 'शक्ति', हम उस शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने रविवार को महाराष्ट्र में की गई अपनी टिप्पणियों में राज्य की ताकत के खिलाफ विपक्ष के संघर्ष पर जोर देने के लिए ईवीएम के संचालन पर चिंता जताई थी।

Shakti Remark के बाद छिड़ी जुबानी जंग

राहुल ने मुंबई में एक संबोधन में कहा, हिंदू धर्म में एक शब्द है 'शक्ति', हम एक शक्ति (राज्य की ताकत) के खिलाफ लड़ रहे हैं। प्रश्न यह है कि वह शक्ति क्या है और इसका हमारे लिए क्या अर्थ है? ईवीएम की आत्मा और अखंडता का सौदा राजा (मोदी) को कर दिया गया है। यह सच है। सिर्फ ईवीएम ही नहीं बल्कि देश की हर स्वायत्त संस्था, चाहे वह ईडी हो, सीबीआई हो या आयकर विभाग, ने केंद्र को अपनी रीढ़ सौंप दी है।

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'शक्ति' टिप्पणी के बाद आक्रोश फैल गया और भाजपा नेताओं ने उनके बयान की आलोचना की, जिसके बाद कांग्रेस राहुल गांधी के समर्थन में आ गई है।

इस बीच, सोमवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि 'शक्ति' दो प्रकार की होती है: एक 'असुर शक्ति' और दूसरी 'देव शक्ति'।

राहुल गांधी ने 'असुर शक्ति' की बात की और 'देव शक्ति' से न्याय की उम्मीद की।

सिंह ने एएनआई को बताया, 'शक्ति' दो प्रकार की होती है: एक 'असुर शक्ति' और दूसरी 'देव शक्ति'। 'असुर शक्ति' बेईमानी, हिंसा और घृणा है और यह लोगों पर अत्याचार करती है। पीएम मोदी की सरकार में 'असुर शक्ति' मौजूद है। 'देव शक्ति' वह है जो अन्याय के विरुद्ध न्याय चाहती है। राहुल गांधी ने जिस 'शक्ति' की बात की थी वह 'असुर शक्ति' थी और उन्हें 'देव शक्ति' से न्याय की उम्मीद है।

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