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राहुल गांधी ने बंगाल में मनरेगा श्रमिकों की दुर्दशा पर PM Modi को लिखा पत्र, केंद्र से प्रदेश के लिए धन जारी करने का किया आग्रह

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बंगाल में मनरेगा श्रमिकों की दुर्दशा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है और उनकी सरकार से बकाया मजदूरी के भुगतान के लिए प्रदेश को केंद्रीय धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है।उन्होंने पत्र में कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत बंगाल यात्रा के दौरान पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति के मनरेगा श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करायाथा।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Published: Mon, 12 Feb 2024 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2024 11:45 PM (IST)
राहुल गांधी ने बंगाल में मनरेगा श्रमिकों की दुर्दशा पर PM Modi को लिखा पत्र। फाइल फोटो।

पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बंगाल में मनरेगा श्रमिकों की दुर्दशा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है और उनकी सरकार से बकाया मजदूरी के भुगतान के लिए प्रदेश को केंद्रीय धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है।

राहुल ने पत्र में क्या कहा?

राहुल ने पत्र में कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत बंगाल यात्रा के दौरान पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति के मनरेगा श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। उन्होंने लिखा- मार्च, 2022 से बंगाल को केंद्रीय धनराशि रोके जाने की वजह से मनरेगा के तहत हमारे लाखों भाइयों एवं बहनों को काम और मजदूरी से वंचित कर दिया गया है।

10 फरवरी को लिखी थी पत्र

प्रधानमंत्री को 10 फरवरी को लिखे पत्र में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझे सूचित किया गया कि धन की कमी के कारण 2021 में पूरे हो चुके काम के लिए भी कई श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया है। इसके अलावा काम हासिल करने वाले परिवारों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है जो 2021-22 के 75 लाख से घटकर 2023-24 में 8,000 रह गई।

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मजदूरों को करना पड़ रहा पलायन

उन्होंने कहा कि यह गिरावट महिलाओं और एससी-एसटी परिवारों के लिए क्रूर रही है और काम की कमी व मजदूरी का भुगतान लंबित रहने से उन्हें पलायन को मजबूर होना पड़ा है।

राहुल ने कहा कि 18 वर्ष पहले संप्रग सरकार ने ग्रामीण समुदायों के लिए काम के अधिकार की गारंटी द्वारा सामाजिक एवं आर्थिक न्याय का मौलिक नया मार्ग चुना था। कई लोगों के लिए मनरेगा संकट के समय एकमात्र सुरक्षा उपाय और सुनिश्चित आजीविका का स्त्रोत है। मनरेगा के तहत काम की मांग पूरी करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक न्याय बरकरार रखने के लिए अपने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठना हमारा कर्तव्य है।

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