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Urea Crisis in India: यूरिया चोरी करने वाले उद्योगों पर छापेमारी; 35 हजार बोरी बरामद, दस राज्यों में विशेष टीमें मार रही छापा

अभी भी विभिन्न उद्योगों में खेती में उपयोग होने वाली यूरिया का एक बड़ा हिस्सा चोरी से इस्‍तेमाल किया जा रहा है। हालांंकि नीम कोटेड यूरिया के चलते इसके औद्योगिक इस्तेमाल की आशंका की खत्म मानी जा रही थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 07 Jun 2022 02:10 AM (IST)
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यूरिया का एक बड़ा हिस्सा अभी भी विभिन्न उद्योगों में चोरी से उपयोग किया जा रहा है।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। खेती में उपयोग होने वाले यूरिया का एक बड़ा हिस्सा अभी भी विभिन्न उद्योगों में चोरी से उपयोग किया जा रहा है। जबकि यूरिया को नीम कोटेड करने से इसके औद्योगिक इस्तेमाल की आशंका खत्म मानी जा रही थी। लेकिन उद्योगों में नीम कोडेट यूरिया की भारी बरामदगी से साफ है कि इसका भी तोड़ निकाल लिया गया है। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने इसके खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ दिया है और यूरिया चोरी करने वाले उद्योगों को चिह्नित कर छापेमारी तेज कर दी गई है।

10 राज्यों में छापेमारी

मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, 10 राज्यों में विशेष टीमें (फ्लाइंग स्क्वाड) जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं। इस दौरान 35 हजार बोरी यूरिया बरामद की गई है। यह कार्रवाई पिछले डेढ़ महीने से चल रही है। अति रियायती दर वाले यूरिया की चोरी मामले में अब तक छह लोगों को जेल भेजा जा चुका है। जबकि आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

यूरिया का इस्तेमाल करने वालों पर नजर

मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि उद्योगों में यूरिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि कपड़ा व चमड़ा रंगाई, प्लाईवुड, कैटल फीड और टेक्सटाइल्स समेत कई और सेक्टरों में यूरिया की तकरीबन 12 से 15 लाख टन खपत होती है। इसके मुकाबले इन सेक्टरों के उद्योगों ने यूरिया का कुल आयात मात्र 2.5 लाख टन किया है।

जीएसटी के घोटाले भी पकड़े

इसी बात से यूरिया चोरी की आशंका को बल मिला और फ्लाइंग स्क्वाड बनाकर छापेमारी व जांच की कार्रवाई शुरू की गई। दरअसल, प्रति बोरी यूरिया की कीमत 2,500 रुपये बैठती है, जो किसानों को मात्र 266 रुपये में दी जाती है। छापे व जांच की पूरी प्रक्रिया में जीएसटी विभाग पूरी मदद कर रहा है। करोड़ों रुपये के जीएसटी के घोटाले भी पकड़े जा रहे हैं।

इन राज्‍यों में छापेमारी

यूरिया की चोरी करने वाले उद्योगों पर फिलहाल देश के 10 राज्यों हरियाणा, केरल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु में छापेमारी की जा रही है। यूरिया का उपयोग करने वाले चिह्नित उद्योगों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं कि आखिर उनके यहां यूरिया कहां से और किस मूल्य पर मंगाया जाता है।

52 औद्योगिक इकाइयों में यूरिया चोरी पकड़ी

इन राज्यों में से हरियाणा, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात और उत्तर प्रदेश की 52 औद्योगिक इकाइयों में यूरिया चोरी पकड़ी गई है। इन राज्यों में रेजिन, ग्लू, प्लाईवुड, कैटल फीड, क्राकरी और मोल्डिंग पाउडर जैसे उद्योगों में धड़ल्ले से नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल किया जा रहा था।

उर्वरक इकाइयां भी शामिल

यूरिया चोरी में ऐसी उर्वरक इकाइयां भी शामिल हैं, जिन्हें मिश्रित उर्वरक बनाने का लाइसेंस मिला था और जो आठ राज्यों में स्थित हैं। इनकी सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में है। मिश्रित उर्वरक के लिए वहां जाने वाली यूरिया को कहीं और बेच दिया जाता था। ऐसी 25 इकाइयों का लाइसेंस तत्काल रद कर दिया गया। वहां तैयार उर्वरक गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुए हैं।