रेल हादसों के बाद हरकत आया रेलवे बोर्ड, कहा- ऑटोमैटिक सिग्नलिंग के लिए लोको पायलटों को मिले बेहतर प्रशिक्षण
देश में बीते समय में हुई रेल दुर्घटनाओं को लेकर रेलवे बोर्ड अलर्ट मोड पर है। रेलवे बोर्ड ने घटनाओं को देखते हुए अब अहम कदम उठाया है। जिसके तहत स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में काम करने के लिए लोको पायलटों के प्रशिक्षण व्यवस्था में एकरूपता लाने की बात कही गई है। निर्देश के तहत लोको पायलटों और उनके सहायकों की हर छह महीने में एक दिवसीय गहन काउंसलिंग की जाएगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी मंडलों को स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में काम करने के लिए लोको पायलटों के प्रशिक्षण व्यवस्था में एकरूपता लाने को कहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं के बाद मानकीकरण की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन दुर्घटनाओं में स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में सिग्नल विफलता एक कारण के रूप में सामने आई है।
रेलवे बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर
बोर्ड ने 13 जुलाई को जारी सर्कुलर में कहा कि विभिन्न रेलवे मंडल स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र (Automatic signalling areas) में काम करने के लिए रनिंग स्टाफ के लिए अलग-अलग प्रशिक्षण व्यवस्था का पालन कर रहे हैं। रेलवे मंडलों को प्रशिक्षण में एकरूपता की सलाह दी गई है।
रेलवे बोर्ड ने सुझाव दिया है कि मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआइ) स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के संबंध में लोको पायलटों और उनके सहायकों की हर छह महीने में एक दिवसीय गहन काउंसलिंग करें। इसके बाद बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ योग्यता की परीक्षा लें।
एनिमेटेड वीडियो बनाने पर दिया जोर
बोर्ड के अनुसार काउंसलिंग के दौरान स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र (Automatic signalling areas) में कार्य करने की प्रणाली, चालक दल द्वारा आमतौर पर की जाने वाली गलतियों पर एनिमेटेड वीडियो बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि जब भी नए स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र की शुरुआत के लिए सूचना प्राप्त होगी, तो सीएलआइ सभी लोको पायलटों (एलपी) और सहायक लोको पायलटों (एएलपी) का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित करेगा और स्वचालित अनुभाग में काम करने के लिए योग्यता प्रमाण पत्र जारी करेगा।
नए स्वचालित क्षेत्र के चालू होने के बाद शुरूआत के पहले वर्ष में हर दो महीने में सभी एलपी/एएलपी की काउंसलिंग सुनिश्चित करें। उसके बाद हर छह महीने में काउंसलिंग हो। बोर्ड ने क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान (जेडआरटीआइ) में सीएलआइ के लिए हर तीन साल में तीन दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की भी सिफारिश की है।