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हजारों करोड़ का हो सकता है रेलवे ई-टिकटिंग रैकेट, IRCTC वेबसाइट को फूलप्रूफ बनाने में जुटी

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक महीने में ई-टिकट बुकिंग के कुछ नए एहतियाती उपाय घोषित किए जा सकते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:34 PM (IST)
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हजारों करोड़ का हो सकता है रेलवे ई-टिकटिंग रैकेट, IRCTC वेबसाइट को फूलप्रूफ बनाने में जुटी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे के टिकटिंग रैकेट में वित्तीय लेनदेन का पैमाना हजारों करोड़ रुपये में हो सकता है। शुरुआती जांच में अकेले दुबई के सरगना हामिद अशरफ के व्यक्तिगत खातों में इससे हर महीने 15-16 करोड़ रुपये की आमद होती पाई गई है। जबकि अन्य हजारों एजेंटों के बैंक खातों में जाने वाली रकम का आकलन अभी बाकी है।

रैकेट के वित्तीय मुनाफे का पैमाना बढ़ता जा रहा

रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार के अनुसार जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, रैकेट के वित्तीय मुनाफे का पैमाना बढ़ता जा रहा है। जब अकेले हामिद अशरफ को 15-16 करोड़ की कमाई हो रही है तो पूरे नेटवर्क की कमाई का फिलहाल सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए इसका पूरा आकलन करने में अभी वक्त लगेगा।

नेटवर्क में शामिल शातिर लोगों को रेलवे, क्रिस की पल-पल की सूचना मिलती है

नेटवर्क में शामिल लोग इतने शातिर हैं कि उन्हें रेलवे, क्रिस, आइआरसीटीसी और आरपीएफ द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की पल-पल की सूचना मिलती रहती है। इससे इस बात का संदेह उठता है कि कहीं न कहीं रेलवे के ही कुछ लोग इन्हें भीतर की सूचनाएं पहुंचाते हैं। कई वर्ष पहले इसके प्रमाण भी मिले थे जब आइआरसीटीसी के आधिकारिक एजेंट को मुंबई में टिकटों की दलाली नेटवर्क के लिए काम करते हुए पकड़ा गया था।

दलाल थोक में ई-टिकट बुकिंग न करा सकें इसके लिए आइआरसीटीसी ने कई प्रावधान किए थे

उसके बाद सामने आए ऐसे ही कुछ अन्य मामलों के बाद आइआरसीटीसी की वेबसाइट की क्षमता बढ़ाने के साथ अनेक एहतियाती प्रावधान किए गए थे। इनमें रजिस्ट्रेशन, लॉगइन और बुकिंग तथा 10 सेकंड से पहले भुगतान करने का प्रयास करने वाले यूजर्स के लिए कैप्चा का प्रावधान शामिल है। ताकि एक टिकट बुक करने में कम से कम ढाई-तीन मिनट का समय लगे और दलालों के लिए थोक में बुकिंग करना मुश्किल हो। इसके अलावा कोई एक व्यक्ति एक महीने में छह से ज्यादा टिकट बुक नहीं करा पाए, इसकी व्यवस्था भी की गई। नेटबैंकिंग भुगतानों में ओटीपी को अनिवार्य किया गया। इससे ज्यादा 12 तक टिकट बुक कराने के लिए आधार वैरीफिकेशन जरूरी कर दिया गया।

एक से अधिक टिकट में केवल एक व्यक्ति का आधार वैरीफिकेशन होने से  रैकेट काम करता रहा

इसमें एक खामी रह गई कि एक से अधिक लोगों के टिकट में केवल एक व्यक्ति का आधार वैरीफिकेशन आवश्यक किया गया। इससे रैकेट के लिए आसानी हो गई। रैकेट ने एएनएमएस सॉफ्टवेयर (इस सॉफ्टवेयर के लाल मिर्ची जैसे अन्य कई नाम हैं) तथा फर्जी आधार के जरिए इस सुरक्षा कवच को भी भेद लिया है।

वेबसाइट को और अधिक फूलप्रूफ बनाने की कवायद

रैकेट के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप और हवाला तथा आतंकी फंडिंग से तार जुड़े मिलने के बाद अब आइआरसीटीसी के लोग क्रिस के साथ मिलकर अपनी वेबसाइट को और ज्यादा फूलप्रूफ बनाने में नए सिरे से जुटे हैं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक महीने में ई-टिकट बुकिंग के कुछ नए एहतियाती उपाय घोषित किए जा सकते हैं।