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बिजली संकट को टालने के अभियान में जुटा रेलवे, कोयले की नियमित आपूर्ति की तैयारी रखने का दिया निर्देश

आंकड़ों के अनुसार बिजली निर्माण के लिए देश भर के बिजली घरों को प्रतिदिन 399 रैक कोयले की जरूरत पड़ती है। सावधानी के तौर पर रेलवे ने फरवरी महीने में 399 रैक की जगह पर प्रतिदिन 426.3 रैक कोयले की लदाई की है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 09 Mar 2023 09:57 PM (IST)
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चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-फरवरी) में विभिन्न स्त्रोतों से विद्युत क्षेत्र के लिए कोयले की अधिक ढुलाई हुई है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेल मंत्रालय ने देश के विभिन्न बिजली घरों में कोयले की नियमित आपूर्ति की तैयारी रखने का निर्देश दिया है, ताकि बिजली संकट से मुकाबला किया जा सके। रेलवे का मानना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत भी बढ़ेगी और ऐसे में कोयले की कम आपूर्ति के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों के अनुसार बिजली निर्माण के लिए देश भर के बिजली घरों को प्रतिदिन 399 रैक कोयले की जरूरत पड़ती है। सावधानी के तौर पर रेलवे ने फरवरी महीने में 399 रैक की जगह पर प्रतिदिन 426.3 रैक कोयले की लदाई की है। रेलवे द्वारा फरवरी तक कोयले की ढुलाई में 24.51 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-फरवरी) में विभिन्न स्त्रोतों से विद्युत क्षेत्र के लिए कोयले की अधिक ढुलाई हुई है।

पिछले वर्ष की तुलना में इस साल

पिछले वर्ष 344 रैक प्रतिदिन की तुलना में इस बार 408 रैक प्रतिदिन लदान हुई है। यह प्रतिदिन 64 रैक ज्यादा है। फरवरी 2022 में 399 रैक प्रतिदिन की तुलना में फरवरी 2023 में विद्युत गृहों के लिए प्रतिदिन 426.3 रैक लदान किया गया। यानी 27.3 रैक की वृद्धि हुई है। रेलवे का प्रयास है कि आगे भी कोयले की कमी के चलते बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़े।

उठाए जा रहे हैं यह कदम

इसके लिए सावधानी के तौर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं। वैगनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। फरवरी में रेलवे के बेड़े में माल ढुलाई वाले 1018 इंजन शामिल किए गए हैं। लगभग साढ़े चार हजार किमी नई रेलपटरियां बिछाई जा रही हैं, जिनसे ज्यादातर कोयला ढुलाई का काम लिया जाएगा। इन पटरियों पर इसी वर्ष से आवागमन शुरू हो जाएगा।