अब पूरी गति से दौड़ेगा हाई स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा
नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अनुसार अहमदाबाद से वापी तक काम लगभग पूर्ण हो चुका है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में 24 नदियां आती हैं। इनमें से छह नदियों पर पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। जबकि नर्मदा ताप्ती माही और साबरमती नदियों पर काम चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत समुद्र के नीचे रेल सुरंग के लिए काम शुरू हो गया है।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली हाईस्पीड बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य सौ प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे जापान के सहयोग से शुरू किया गया है। वर्ष 2026 में इसका पहला चरण पूरा होगा।
नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार, अहमदाबाद से वापी तक कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में 24 नदियां आती हैं। इनमें से छह नदियों पर पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। जबकि नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती नदियों पर काम चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत समुद्र के नीचे रेल सुरंग के लिए काम शुरू हो गया है। यह भारत की पहली ऐसी सुरंग होगी।
271 किलोमीटर ट्रैक ढलाई का कार्य पूरा
एनएचएसआरसीएल के अनुसार, गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरुच, आणंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती में एचएसआर स्टेशन का काम तेज गति से पूर्ण होने को है। परियोजना के लिए 271 किलोमीटर ट्रैक ढलाई का कार्य पूरा हो चुका है।जापानी तकनीक से कंक्रीट ट्रैक बेड को बिछाने का काम
जापानी तकनीक से कंक्रीट ट्रैक बेड को बिछाने का काम किया जा रहा है। ऐसे प्रोजेक्ट में पहली बार जे-स्लैब (गिट्टी रहित ट्रैक) सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा एनएचएसआरसीएल ने कहा कि उसने गुजरात के वलसाड जिले के जरोली गांव के पास स्थित 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर व्यास वाली पहली पहाड़ी सुरंग को केवल 10 महीनों में पूरा कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।673 मीट्रिक टन वजन वाला स्टील पुल सूरत में बनकर तैयार
इसके अलावा 70 मीटर लंबा और 673 मीट्रिक टन वजन वाला पहला स्टील पुल सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर बनाया गया है। यह देश की पहली हाई-स्पीड रेल लाइन है। इसकी लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इसका ट्रैक 508 किलोमीटर लंबा होगा।इस रूट पर बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण में बाधा आने से काम में देरी हुई।
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